Ayodhya Ram Mandir: 'गोली खइहें रामभक्त, जइहें भले मरी, मंदिर बनबे करी...', आंदोलन में शामिल कारसेवक ने लिखा गीत
31 वर्ष पूर्व जब श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में विवादित ढांचा ध्वस्त हुआ था तब वहां से याद स्वरूप ईंट लेकर गांव आया था। आज जब उस स्थान पर भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बना है ओर उसके प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का अक्षत निमंत्रण मिला तो आंखों से खुशियों के आंसू निकल आए। यह भाव प्रकट किए हैं प्रखंड के बलुआही गांव निवासी विदेशी सिंह ने।
पार्थसारथी पांडेय, बिक्रमगंज (रोहतास)। 31 वर्ष पूर्व जब श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में विवादित ढांचा ध्वस्त हुआ था, तब वहां से याद स्वरूप ईंट लेकर गांव आया था। आज जब उस स्थान पर भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बना है ओर उसके प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का अक्षत निमंत्रण मिला तो आंखों से खुशियों के आंसू निकल आए। यह भाव प्रकट किए हैं प्रखंड के बलुआही गांव निवासी विदेशी सिंह ने।
विदेशी सिंह छह दिसंबर 1992 को श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या गए हजारों कारसेवकों में से एक हैं। उस दिन को याद करते हुए कहते हैं कि मंदिर बनने से बहुत खुशी है। ये 1992 में कारसेवा में भाग लेने गए थे। उस समय इनका पहचान पत्र बना था, जिसे आज तक संभाल कर रखे हुए हैं।
खुद का लिखा गीत बार-बार गुनगुनाते हैं विदेश सिंह
विदेशी सिंह मंदिर बनाने के लिए विवादित ढांचा तोड़ने वाले कारसेवकों में से एक हैं। उन दिनों को याद कर कहते हैं कि शीला पूजन के दौरान लोगों का उत्साह देखते ही बनता था।लोग बड़ी ही आस्था से शीला की पूजन करते, टीका लगाते व फूल-अक्षत भी छिड़कते। कहते हैं आज जब अक्षत निमंत्रण मिला है तो बरबस ही वह दृश्य आंखों के सामने आ रहा है।
छह दिसंबर को कारसेवा समाप्त होने के बाद वे अयोध्या के ही एक मंदिर परिसर में रुके थे। वहीं स्वयं एक गाना लिखा, जिसे अभी भी गाते हैं। हालांकि पूर्व में गाए गए गाने की प्रासंगिकता अब जब मंदिर बन गया, तो बदल गई है। उन्होंने अपना स्वरचित गीत भी जागरण को सुनाया...। ...आज ना त काल कवनों घरी, मंदिर बनबे करी। गोली खइहें रामभक्त, जइहे भले मरी, मंदिर बनबे करी...।
इसके बाद वे भावुक हो जाते हैं। मंदिर के उद्घाटन की तारीख ज्यों-ज्यों नजदीक आ रही है, विदेशी सिंह की खुशी का ठिकाना नहीं है। वे इस गीत को बार-बार गाकर इसका उद्गार व्यक्त करते हैं। कहते हैं कि उन्हें पूर्ण विश्वास था कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर अवश्य बनेगा। उनके जीते जी बन गया और वे अब दर्शन करने भी जाएंगे।
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