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Bihar Teacher Leave Rule: शिक्षा विभाग का फरमान, अब छुट्टी पर जाने से पहले शिक्षकों को करना होगा ये काम, वरना...

Bihar Teacher News जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) मदन राय ने बताया कि विभागीय निर्देश के आलोक में बीपीएससी के माध्यम से जिले में प्रथम व दूसरे चरण के तहत नियुक्त किए गए विद्यालय अध्यापकों को चिकित्सा या मातृत्व अवकाश पर जाने से पूर्व शिक्षा विभाग के कार्यालय में पहुंच अपने अंगूठे का मिलान व बायोमेट्रिक सत्यापन कराना अनिवार्य कर दिया गया है।

By dhanjay kumar Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 05 Mar 2024 05:30 PM (IST)
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शिक्षा विभाग का फरमान, अब छुट्टी पर जाने से पहले शिक्षकों को करना होगा ये काम, वरना...
जागरण संवाददाता, सासाराम (रोहतास)। बीपीएससी के माध्यम से प्रथम व दूसरे चरण के तहत जिले में नियुक्त किए गए विद्यालय अध्यापकों को छुट्टी जाने के लिए विभाग ने नया निर्देश जारी किया है। शिक्षकों को मातृत्व या चिकित्सा अवकाश पर जाने से पहले डीईओ कार्यालय में पहुंच उन्हें अपने अंगूठे के निशान का मिलान व बायोमेट्रिक सत्यापन कराना अनिवार्य होगा। उसके बाद ही उनकी छुट्टी का आवेदन स्वीकृत किया जाएगा।

इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) ने आदेश निर्गत कर नवनियुक्त शिक्षकों को अवगत करा दिया है।

जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) मदन राय ने बताया कि विभागीय निर्देश के आलोक में बीपीएससी के माध्यम से जिले में प्रथम व दूसरे चरण के तहत नियुक्त किए गए विद्यालय अध्यापकों को चिकित्सा या मातृत्व अवकाश पर जाने से पूर्व शिक्षा विभाग के कार्यालय में पहुंच अपने अंगूठे का मिलान व बायोमेट्रिक सत्यापन कराना अनिवार्य कर दिया गया है। उसके बाद ही उनके अवकाश को स्वीकृत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बायोमेट्रिक सत्यापन नहीं कराने वाले शिक्षकों के अवकाश को अवैध करार घोषित किया जाएगा।

शिक्षकों को योगदान करने का मिला अंतिम मौका

जिले में दूसरे चरण के तहत नियुक्त शिक्षकों को आवंटित विद्यालयों में योगदान करने के लिए विभाग ने अंतिम मौका दिया है। डीईओ मदन राय ने बताया कि दूसरे चरण में नियुक्त किए गए विद्यालय अध्यापकों को विद्यालयों में योगदान करने के लिए 29 फरवरी तक तिथि निर्धारित की गई थी।

समीक्षा के क्रम में पाया गया है कि बहुत से शिक्षक योगदान नहीं कर पाए है। वैसे शिक्षकों के लिए 10 मार्च तक योगदान करने का अंतिम रूप से समय दिया गया है। उसके बाद उनके योगदान पर कोई विचार नहीं किया जा सका है।

सूत्रों की माने तो दूसरे चरण में नियुक्त किए गए शिक्षकों में से 90 से अधिक अध्यापकों ने विभिन्न कारणों से इस्तीफा दिया है। इसमें सबसे अधिक वैसे शिक्षक हैं, जिनकी नियुक्ति प्रथम चरण में यहां हुई थी। लेकिन दूसरे चरण में उनकी नियुक्ति उच्च कक्षा या समीप के जिला में हो गया है। वे इस्तीफा देकर नए स्थान पर योगदान कर लिए हैं। वहीं कुछ ऐसे अनुशंसित शिक्षक भी शामिल हैं, जिनकी नौकरी दूसरे विभाग या अन्य राज्य में हो गई है।

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