Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

पूर्व भाजपा विधायक जवाहर प्रसाद तीन महीने बाद जेल से बाहर, पटना HC से आदेश के बाद CJM कोर्ट से मिली जमानत

सासाराम में रामनवमी जुलूस के बाद हुए उपद्रव और इस दौरान गोली लगने से युवक की मौत मामले में आरोपित भाजपा नेता जवाहर प्रसाद को कोर्ट ने जमानत दे दी है। उच्च न्यायालय से जमानत के लिए आदेश मिलने के बाद मंगलवार को सासाराम के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने बेल बांड को स्वीकृत कर मंडल काराधीक्षक को उन्हें मुक्त करने का निर्देश जारी कर दिया।

By Vikas KUMAR GuptaEdited By: Aditi ChoudharyUpdated: Wed, 02 Aug 2023 12:25 PM (IST)
Hero Image
सासाराम उपद्रव मामले में पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद को मिली जमानत, तीन महीने बाद जेल से हुए बाहर

जागरण संवाददाता, सासाराम। सासाराम से पांच बार विधायक रहे वरिष्ठ भाजपा नेता जवाहर प्रसाद को कोर्ट ने जमानत दे दी है। उच्च न्यायालय से जमानत के लिए आदेश मिलने के बाद मंगलवार को सासाराम के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने बेल बांड को स्वीकृत कर मंडल काराधीक्षक को उन्हें मुक्त करने का निर्देश जारी कर दिया।

जवाहर प्रसाद रामनवमी जुलूस के बाद हुए उपद्रव और इस दौरान एक युवक की गोली लगने से हुई मौत मामले के आरोपित हैं और पिछले तीन महीने से जेल में बंद हैं। प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी उमेश कुमार के न्यायालय ने हाईकोर्ट के जमानत आदेश के आलोक में दस हजार के दो जमानतदारों के बंधपत्र पर मंडल काराधीक्षक को पत्र जारी कर उन्हें मुक्त करने का निर्देश दिया है।

इसके पहले पूर्व विधायक द्वारा दाखिल नियमित जमानत याचिका को सासाराम के तत्कालीन एडीजे प्रथम मनोज कुमार की अदालत ने गत एक जून 2023 को खारिज कर दिया था, जिसके बाद पूर्व विधायक ने पटना हाईकोर्ट में जमानत के लिए आवेदन किया था। हाईकोर्ट ने पूर्व विधायक के तीन माह से कारावास में होने की बात को देखते हुए जमानत दे दी।

इस मामले में पूर्व विधायक को गत 29 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। बताते चलें कि रामनवमी जुलूस समापन के बाद सासाराम में हुए उपद्रव के मामले में सासाराम नगर थाना में तीन अलग-अलग प्राथमिकी हुई थी। एक प्राथमिकी में पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद भी आरोपित थे। इस उपद्रव में कई जगहों पर तोड़फोड़ की गई थी।   गोली लगने से राजा चौधरी नामक व्यक्ति की मौत हो गई थी। दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

वहीं, नगर पुलिस ने कोर्ट में आरोपितों पर हत्या का मामला चलाने का आवेदन दिया था, जिसे सीजेएम कोर्ट ने मामले में धारा 302 (हत्या) को जोड़ दिया था, जिसके कारण पूर्व विधायक को निचली अदालत से जमानत नहीं मिल पाया था। तीन महीने बाद उन्हें जमानत मिलने पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने खुशी जाहिर की है।