Move to Jagran APP

Bihar: पुल के पिलर से निकाले गए बच्चे की मौत, 30 घंटे तक चले मुश्किल रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भी नहीं बची जिंदगी

Rohtas News जिले के अतिमि गांव स्थित नासरीगंज-दाउदनगर सोन पुल के दो पिलरों के बीच फंसे 12 साल के बच्चे को बचाया नहीं जा सका। एनडीआरएफ की टीम ने 30 घंटे तक अभियान चलाकर बच्चे को रेस्क्यू किया था। अस्पताल में डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया।

By Jagran NewsEdited By: Roma RaginiUpdated: Thu, 08 Jun 2023 07:04 PM (IST)
Hero Image
Boy trapped in Sone bridge: सोन पुल के दो पिलरों के बीच फंसे बच्चे को निकाला गया।
जागरण टीम, नासरीगंज (रोहतास): Rohtas News: रोहतास के अतिमि गांव के पास नासरीगंज-दाउदनगर सोन पुल के दो पिलरों के बीच फंसे 12 साल के बच्चे को बचाया नहीं जा सका। एनडीआरएफ की टीम ने 30 घंटे तक अभियान चलाकर बच्चे को रेस्क्यू किया था। रेस्क्यू के बाद बच्चे को वहां से 40 किमी दूर स्थित सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पुल के पिलर में फंसे 12 साल के रंजन को 30 घंटे कठिन प्रयास के बाद एनडीआरएफ की टीम ने शुक्रवार देर शाम रेस्क्यू कर लिया गया था। रेस्क्यू के बाद एंबुलेंस से उसे घटनास्थल से 40 किमी दूर सदर अस्पताल सासाराम ले जाया गया। जहां घंटे भर बाद डॉक्टरों की टीम ने उसे मृत घोषित कर दिया।

(इसी पिलर के बीच फंसा था बच्चा)

रंजन ने पिता ने बताया कि उनके बेटे की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। रंजन दो दिन पहले घर से गायब हो गया था। वह पुल के पिलर में कब और कैसे फंसा? इसका कोई पता नहीं है। लोगों ने बताया कि रंजन पिलर के नीचे वाले भाग से ही चढ़कर उसपर पहुंचा और गैप में गिरकर फंस गया।

(रंजन की तस्वीर)

बुधवार दोपहर पुल के पास बैठी एक महिला ने बच्चे की रोने की आवाज सुनी तो देखा कि बच्चा पुल पाया के बीच फंसा हुआ है। इसकी सूचना उन्होंने रंजन के माता-पिता समेत ग्रामीणों को दी। ग्रामीणों के साथ पहुंचे शत्रुघ्न प्रसाद ने पहले बच्चे को निकालने का प्रयास किया लेकिन असफलता मिली।

(घटनास्थल पर पहुंचे उपेंद्र कुशवाहा) 

इसके बाद थानाध्यक्ष व बीडीओ को सूचना ग्रामीणों ने दी। स्थानीय स्तर पर प्रयास के बाद भी रंजन के नहीं निकलने पर एसडीआरएफ की टीम रात में और एनडीआरएफ की टीम सुबह से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर बच्चे को निकालने में सफलता पाई। बच्चे को निकालने में तो सफलता मिल गई लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।

(पिलर में होल कर निकालने का प्रयास)

(मौके पर इकट्ठी भीड़)

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।