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Hartalika Teej 2024: हरतालिका तीज की तिथि, महत्व और पूजा विधि जानिए; महिलाओं के लिए सबसे खास है ये दिन

हरतालिका तीज का व्रत हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। इस साल यह व्रत 6 सितंबर को मनाया जाएगा। यह व्रत शिव-शक्ति को समर्पित है और विवाहित महिलाएं पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य के लिए यह व्रत रखती हैं। इस बार हरितालिका तीज पर दुर्लभ ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है जिससे पूजा का फल दोगुना मिलेगा।

By Ram Avatar Chaudhary Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 03 Sep 2024 04:01 PM (IST)
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कब मनाई जाएगी हरतालिका तीज? (फोटो- जागरण)

संवाद सहयोगी, डेहरी आन-सोन (रोहतास)। हरतालिका तीज व्रत हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। इसके अगले दिन गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। इस बार हरतालिका तीज व्रत छह सितंबर को मनाया जाएगा।

यह व्रत शिव-शक्ति को समर्पित है। इस दिन विवाहित महिलाएं पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य के लिए व्रत रखती हैं। इस व्रत को करने से विवाहित महिलाओं के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

आचार्यों की माने तो इस बार हरतालिका तीज पर दुर्लभ ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है। साथ ही कई अन्य मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में शिव-शक्ति की पूजा करने से साधक को दोगुना फल प्राप्त होगा।

बताया गया कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 05 सितंबर को दोपहर 10 बजकर 06 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस शुभ तिथि का समापन 06 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट पर होगा। अतः 06 सितंबर को हरितालिका तीज का व्रत रखा जाएगा। वहीं, 07 सितंबर को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी।

भागवत कथावाचक आचार्य संतोष तिवारी ने बताया कि इस मुहूर्त में उपासन करने से साधक को दोगुना फल प्राप्त होगा। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रहकर सायं काल श्रद्धा पूर्वक माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा-अर्चना करती हैं। सुहाग की वस्तुएं देवी को अर्पित करती हैं।

मनवांछित फल की होती है प्राप्ति

जो महिलाएं हरतालिका पूजन के दौरान भगवान शिवजी, माता पार्वती और श्रीगणेश भगवान की पूजा कर उनपर फूल फल मेवा मिष्ठान समेत सुहाग की वस्तुएं माता पार्वती को और महादेव को वस्त्र चढ़ाकर भगवान शिव व माता पार्वती की कथा सुनती है और रात्रि में जागरण करती हैं, उन्हें मनवांछित फल प्राप्त होता है।

आचार्य ने बताया कि हरतालिका तीज के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करने से कुंवारी लड़कियों के जल्द विवाह के योग बनते हैं। वहीं सुहागिन महिलाओं तीज व्रत करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और पति को दीर्घ आयु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

इसके अलावा, सोलह शृंगार कर उपासना करने से मां पार्वती प्रसन्न होती हैं, जिससे उनकी कृपा साधक पर सदैव बनी रहती है और वैवाहिक जीवन में खुशियों का आगमन होता है। उन्होंने कहा कि तीज का व्रत करवा चौथ और छठ पूजा की तरह ही कठिन माना जाता है। क्योंकि इस व्रत के दौरान अन्न जल ग्रहण करना वर्जित है।

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