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'मंदिर-मस्जिद जाना धर्म नहीं', राजनाथ सिंह ने रोहतास में बताया राम-रावण का अंतर, बोले- अहंकार से घातक कुछ नहीं

बिहार में रोहतास जिले के सासाराम के जमुहार स्थित गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संबोधन दिया। उनके अलावा प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने भी लोगों को संबोधित किया।

By Jagran NewsEdited By: Yogesh SahuUpdated: Sat, 10 Jun 2023 01:54 PM (IST)
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गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय जमुहार के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संबोधित किया।
जागरण संवाददाता, सासाराम। बिहार के रोहतास जिले के सासाराम में जमुहार स्थित गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शिरकत की। यहां संबोधित करते हुए उन्होंने राम-रावण का उदाहरण देते हुए अपनी बात रखी।

समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि समाज के शिक्षित और स्वरोजगार वाले वर्ग को साथ लेकर इस विश्वविद्यालय की स्थापना गोपाल नारायण सिंह द्वारा की गई है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रति यह विश्वविद्यालय समर्पित है।

ज्ञान के साथ संस्कार भी चाहिए: सिंह

उन्होंने कहा कि ज्ञान के साथ संस्कार भी चाहिए। रावण राम से धनवान व ज्ञानी थे। आज रावण की पूजा नहीं होती, बल्कि संस्कारी राम की पूजा होती है।

सिंह ने कहा कि अहंकार से घातक कुछ भी नहीं है। अहंकार रहित जीवन जीने की कोशिश की जाए तो इसका फल सर्वोत्तम होगा।

उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद धर्म सभा में अमेरिका गए थे। किसी विदेशी ने उनको देखा और उन पर मुस्कराया। स्वामी विवेकानंद के वस्त्र पर वह हंसा।

दीक्षांत समारोह में मेडिकल छात्रा को उपाधि प्रदान करते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह।

आपके यहां दिखावा है, हमारे यहां संस्कार

जब स्वामी जी बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने कहा कि आपके यहां दिखावा है। मेरे यहां संस्कार हैं। यह मत भूलना आज जो भी तुम हो वह अपने माता-पिता व गुरु की बदौलत हो।

राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि मिलकर चलने का जो परिणाम होगा, उससे कुछ अतिरिक्त अपने जीवन में अलग दिखेगा। दो लोग मिलकर काम करते हैं तो जो एनर्जी पैदा होती है, वह एक्स्ट्रा एनर्जी है।

अटल जी की उक्ति आज भी प्रासंगिक

इसलिए सबको साथ लेकर चलें। छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता। अटल जी की यह उक्ति आज भी प्रासंगिक है।

उन्होंने कहा कि छोटे मन के व्यक्ति को परमानंद की अनुभूति नहीं होती है। जितना मन को बड़ा रखोगे, उतना ही सुख व आनंद मिलेगा।

सिंह ने कहा कि हमारा देश सेक्युलर है, मैं भी मानता हूं। मंदिर और मस्जिद जाना धर्म नहीं है। इस ब्रह्मांड में जड़ व चेतन के अस्तित्व की सुरक्षा परिपालन की गारंटी व विकास व संवर्धन को हम धर्म कहते हैं।

दुनिया भर में सर्प को दूध नहीं मिलता, परंतु हम नाग पंचमी के दिन सर्प को दूध पिलाते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में सात-आठ साल पहले स्टार्टअप की संख्या 500 के करीब थी, जो कि आज 95 हजार तक पहुंच गई है।

जो नई-नई तकनीकी दे रहे हैं। इनमें 100 यूनिकॉर्न कंपनियां भी शामिल हैं। इनमें देश को और भी नई ऊंचाइयों पर ले जाने की क्षमता है।

2027 तक अर्थव्यवस्था के मामले में शीर्ष तीन देश में शामिल होगा भारत

इसके साथ ही आठ वर्ष में उनकी पूंजी बढ़ी है। हर चीज का उपयोग करें। देश का अमृत काल समाप्त होते ही भारत विकसित देश के रूप में खड़ा होगा।

2014 में देश की इकोनॉमी 10वें पायदान पर थी, आज देश-दुनिया में पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत खड़ा है। 2027 तक शीर्ष तीन अर्थव्यवस्था देश में भारत शामिल होगा।

सम्राट चौधरी ने किया संबोधित

वहीं राजनाथ सिंह के संबोधन से पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। चौधरी ने कहा कि समाज व देश के लिए ज्ञान सबसे बड़ी पूंजी है।

बिहार के लोग प्रति वर्ष देश के विभिन्न राज्यों में अध्ययन के लिए जाते हैं। हम आइएएस भी बने और मजदूर भी बने हैं।

इससे पहले दीक्षांत समारोह में राज्यसभा के पूर्व सदस्य और गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के कुलाधिपति गोपाल नारायण सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि राजनाथ सिंह देश के केवल रक्षा मंत्री ही नहीं, बल्कि शिक्षाविद् भी हैं।

देश हित में इन्होंने अपने सहयोगियों को काफी आगे बढ़ाया है। ये एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक संस्था हैं। शिक्षक से लेकर रक्षा मंत्री तक सफल यात्रा में इन्होंने बराबर राष्ट्र हित में कार्य किया।

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