'बिहार आइए... शराब-हेरोइन सब पाइए', नौ साल की काजल ने क्यों बनवाया ऐसा बैनर; कई महिलाओं का मिल रहा साथ
Rohtas News बिहार के रोहतास के एक छोटो से गांव धर्मागतपुर की काजल ने नशे के विरुद्ध अभियान छेड़ दिया है। काजल महज नौ वर्ष की है। अभियान की वजह से धंधे में संलिप्त लोग काजल को धमकी दे रहे हैं। हालांकि काजल किसी से नहीं डर रही है। काजल कहती है मां दुर्गे ने भी आततायियों से लड़कर ऋषि-मुनियों की रक्षा की थी।
शिवेश कुमार, सूर्यपुरा (रोहतास)। चहुं ओर गूंज रहे मां जगदंबे के श्लोकों के बीच नौ वर्ष की काजल प्रतीक बन गई है, उस चिंतन और सोच का, जहां बेटियों में शक्तिस्वरूपा के दर्शन का विश्वास है। काजल नाम की कन्या ने नशे के विरुद्ध अभियान छेड़ दिया।
काजल सूर्यपुरा थाना क्षेत्र के धर्मागतपुर गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय की पांचवीं की छात्रा है। काजल के नेतृत्व में नशा मुक्ति अभियान से लोग जुड़ रहे हैं, लेकिन इससे धंधे में संलिप्त लोगों को दिक्कत हो रही है। वे काजल को धमकी दे रहे हैं।
क्या कहती हैं काजल?
काजल कहती है, मां दुर्गे ने भी आततायियों से लड़कर ऋषि-मुनियों की रक्षा की थी। उनका नाम ले लेने भर से साहस आ जाता है, डर कैसा। गांव की महिलाएं भी हौसला बढ़ा रही हैं, क्योंकि जिस तरह से नशा यहां जड़ जमा रहा है, उससे सभी परेशान हैं।
इस बीच 'दैनिक जागरण' में रविवार को ही प्रकाशित समाचार के बाद पुलिस सक्रिय हो गई। एसपी के निर्देश पर अपर थानाध्यक्ष विजेंद्र कुमार राम के नेतृत्व में धर्मागतपुर गांव में छापेमारी कर गांजा बेचने के आरोपित भुवर पासवान को गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपित के यहां से पहले भी गांजा बरामद किया गया था, पर वह भाग निकला था। थानाध्यक्ष प्रिया कुमारी ने कहा कि अब प्रतिदिन इस गांव में पुलिस नशे का धंधा करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करेगी। यह कार्रवाई काजल के मनोबल का परिणाम है।
बच्ची काजल के नेतृत्व में पुलिस-प्रशासन के विरुद्ध प्रदर्शन करते बच्चे व ग्रामीण
कब तक जारी रहेगा अभियान?
काजल ने कहा-तस्कर कौन हैं, सब जानते हैं, पर पुलिस ठोस कार्रवाई नहीं कर रही थी। जब तक गांव पूरी तरह नशामुक्त नहीं होगा, तब तक उसका अभियान जारी रहेगा।
उसने गांव के बाहर एक बैनर टांग दिया है। इस पर लिखा है-‘नशा मुक्त अभियान : धर्मागतपुर गांव में आपका स्वागत है! आइए शराब, हेरोइन सब पाइए। बिहार में शराबबंदी है, लेकिन धर्मागतपुर गांव में खुला है। सौजन्य से उत्पाद विभाग, सूर्यपुरा थाना एवं जिला प्रशासन रोहतास। निवेदक : लाचार बेबस समस्त ग्रामीण जनता।’
दैनिक जागरण ने उसकी पीड़ा प्रकाशित की थी। काजल को यह चिंता भी खाए जा रही कि गांव आने पर कहीं उसके भाई को भी नशे की लत न लगा दी जाए। धर्मागतपुर गांव की नौ वर्ष की एक बेटी ने नशे के विरुद्ध बड़ी लड़ाई लड़ने का दम दिखाया है, वह एक प्रेरणा बन गई है।
बेटी के समझाने पर पिता ने छोड़ दी शराब
काजल के दादा ललन पासवान प्राथमिक विद्यालय, धर्मागतपुर के प्रधानाध्यापक थे। वे भी नशे के विरुद्ध थे, परंतु उनके दोनों पुत्र ही नशे के शिकार हो गए।
काजल ने बताया कि अभियान चलाने के पहले पापा और चाचा को समझाकर सही रास्ते पर लाने का प्रयास किया। उसके पिता अनिल पासवान बताते हैं कि वे भी शराब के नशे में रहते थे। अब बेटी के समझाने से ठीक हुए हैं, शराब छोड़ दी है।
डीएम साहब, एक कमरे में होती पांचवीं तक पढ़ाई
काजल ने गांव के प्राथमिक विद्यालय की व्यवस्था ठीक कराने की मांग जिलाधिकारी से की है। कहा, एक ही कमरा है, जिसमें एक से पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई में काफी परेशानी होती है। अगर विद्यालय में कमरे बढ़ जाएंगे, तो बच्चे मनोयोग से पढ़ाई करेंगे और नशे से दूर रहेंगे।
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