सासाराम हिंसा मामले में पूर्व BJP MLA जवाहर प्रसाद की जमानत याचिका खारिज, अब हाईकोर्ट में लगाएंगे अर्जी
Sasaram Violence Case सासाराम हिंसा मामले में भाजपा के पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद की मुश्किलें खत्म होने का नाम ले रही हैं। रोहतास के अपर सत्र न्यायालय ने पूर्व भाजपा विधायक की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अब पूर्व विधायक उच्च न्यायालय में जमानत अर्जी दाखिल करेंगे।
जागरण संवाददाता, सासाराम (रोहतास)। रोहतास के अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम मनोज कुमार की अदालत ने गुरुवार को सासाराम उपद्रव मामले में गिरफ्तार भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद की जमानत याचिका खारिज कर दिया। इस मामले में पूर्व विधायक पिछले 29 अप्रैल से जेल में हैं।
पूर्व विधायक ने गिरफ्तारी के बाद मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के यहां नियमित जमानत याचिका दायर किया था। वहां से आवेदन खारिज होने के बाद उन्होंने जिला जज के पास जमानत के लिए आवेदन दिया था।
जिला जज ने जमानत आवेदन को एडीजे प्रथम के कोर्ट में स्थांतरित कर दिया। एडीजे प्रथम ने सुनवाई के बाद जमानत आवेदन को खारिज कर दिया। अब पूर्व विधायक उच्च न्यायालय में जमानत अर्जी दाखिल करेंगे।
बता दें कि सासाराम में रामनवमी जुलूस के बाद दो पक्षों के बीच तनाव हो गया था। इस घटना में पत्थरबाजी की गई और दुकानों में आगजनी भी हुई थी।
उपद्रव के दौरान गोलीबारी में राजा चौधरी नामक व्यक्ति की इलाज के दौरान वाराणसी में मौत भी हो गई थी। जिसके बाद नगर पुलिस ने पूर्व में की गई प्राथमिकी में भारतीय दंड विधान की धारा 302 जोड़ने का निवेदन कोर्ट से किया था।
पांच बार विधायक रह चुके हैं जवाहर प्रसाद
जवाहर प्रसाद सासाराम से पांच बार विधायक रहे चुके हैं। उनपर आरोप है कि उनके नेतृत्व में रामनवमी पूजा के अगले दिन 31 मार्च 2023 को गुरुद्वारा नई संगत में बैठक कर समाज के विरुद्ध कार्य करने का निर्णय लिया गया था, जिसके बाद शहर में दुकान बंद कराने, पत्थरबाजी और हिंसक घटनाओं का प्रदर्शन हुआ और शहर में सद्भावना बिगड़ी।
पुलिस ने पूर्व विधायक के खिलाफ कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज किया। 28 अप्रैल 2023 को पुलिस ने जवाहर प्रसाद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।