मिट्टी के बर्तनों की बढ़ी मांग, ब्रांडेड कंपनियों को टक्कर दे रहे डिनर सेट
कोरोना महामारी ने लोगों की जीवन शैली बदल दी है। घर के किचेन से गायब हो चुके धातु व मिट्टी के बर्तन अब लोगों की पसंद बन गई है। मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारीगरों द्वारा निर्मित मिट्टी के तवे पानी बोतल हॉटपॉट व डिनर सेट की खरीदारी लोग शौक से कर रहे हैं। मिट्टी से निर्मित पानी के बोतल की मांग भी यहां काफी है।
प्रवीण दूबे, सासाराम : कोरोना महामारी ने लोगों की जीवन शैली बदल दी है। घर के किचेन से गायब हो चुके धातु व मिट्टी के बर्तन अब लोगों की पसंद बन गई है। मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारीगरों द्वारा निर्मित मिट्टी के तवे, पानी बोतल, हॉटपॉट व डिनर सेट की खरीदारी लोग शौक से कर रहे हैं। मिट्टी से निर्मित पानी के बोतल की मांग भी यहां काफी है। बाजार में डिजाइनर मिट्टी के बर्तनों को देखने-खरीदने के प्रति ग्राहकों में उत्साह का माहौल है। जिला प्रशासन भी इसको बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। जिला प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार जिले के वैसे लोग जो लॉकडाउन के चलते बाहर से वापस आ गए हैं, उन्हें इस तरह का प्रशिक्षण देकर यहीं रोजगार उपलब्ध कराने पर कार्य किया जा रहा है। मिट्टी के बर्तनों से पटा बाजार:
मिट्टी के बर्तनों से बाजार सज गए है। राजस्थान के विभिन्न जगहों से आए कारीगर शहर के फुटपाथों पर जहां तहां अस्थाई दुकान लगा चुके हैं। दुकानों पर भीड़ भी लग रही है। कुछ शौकिया खरीदारी कर रहे हैं, तो कुछ उत्सुकतावश देखने के लिए जमा हो रहे हैं। महिला कारीगर मीरा कहती है, लोगों का अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। अभी बारिश का मौसम है, इसलिए कम बर्तन आए हैं। बरसात के बाद और वेराइटी आएगी। मिट्टी का तवा 120 से 150 रुपये, हॉटपॉट चार से पांच सौ रुपये, छोटा थर्मस डेढ़ सौ व बड़ा कैंफर चार सौ रूपये तक में बिक रहा है। फायदेमंद है मिट्टी के बर्तन में पका खाना: