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Bihar Crime: शिक्षा विभाग का अजब-गजब खेल! 40 का सामान 140 में... MDM की थाली खरीद में बड़ा घपला, यहां पढ़ें पूरा मामला

थाली-बर्तन तथा भवन मरम्मति में अनियमितता को लेकर एकबार फिर शिक्षा विभाग सुर्खियों में आ गया है। फिलहाल चुनाव आयोग के निर्देश पर भवन मरम्मत में बिना प्राक्कलन का कार्य एवं थाली खरीद में हेराफेरी करने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। अधिकारियों ने थाली खरीद के लिए विद्यालय शिक्षा समिति के बैंक खाते में राशि तो भेज दी।

By Surendar tiwari Edited By: Mukul Kumar Updated: Mon, 04 Mar 2024 05:56 PM (IST)
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एमडीएम की थाली खरीद में बड़े पैमाने पर अनियमितता उजागर
संवाद सूत्र, करगहर (रोहतास)। जिले के शिक्षा विभाग में आए दिन अनियमितता की शिकायतें मिलती रही हैं। इसके लिए प्रधानाध्यापक दोषी माने जाते हैं, जबकि अधिकारियों की मिलीभगत से विभाग को कठघरे में खड़ा होना पड़ता है।

थाली-बर्तन तथा भवन मरम्मति में अनियमितता को लेकर एकबार फिर शिक्षा विभाग सुर्खियों में आ गया है। फिलहाल चुनाव आयोग के निर्देश पर भवन मरम्मत में बिना प्राक्कलन का कार्य एवं थाली खरीद में हेराफेरी करने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।

पूरे मामले की जांच कराने की मांग

बताया जाता है कि अधिकारियों ने स्टील की थाली खरीद के लिए विद्यालय शिक्षा समिति के बैक खाते में राशि तो भेज दी, लेकिन बाद में जिले के एक वेंडर के खाते में राशि देने के लिए दबाव दिया जाने लगा। जिसके बाद प्रधानाध्यापक आवाज उठाने लगे हैं।

स्थानीय विधायक तक पहुंच पूरे मामले की जांच कराने की मांग कर रहे हैं। स्थानीय प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सह डीपीओ-एमडीएम द्वारा चेक के माध्यम से थाली की राशि वेंडर को देने के लिए दबाव दिया जा रहा है। प्रधानायापकों की मानें तो थाली शिक्षा समिति द्वारा खरीद की जानी है।

अधिकारी के दबाव में थाली विद्यालयों में रख भी ली गई

प्रखंड के सभी प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में स्टील की थाली खरीदने के लिए विद्यालय शिक्षा समिति के खाते में विभाग द्वारा आरटीजीएस की गई है। साथ ही थाली खरीद की उपयोगिता प्रमाण पत्र का प्रारूप भी व्हाट्सऐप पर भेजा गया है।

थाली खरीद के लिए अभी शिक्षा समिति की बैठक भी नहीं हुई है, तभी वेंडर के माध्यम से थाली विद्यालयों में भेज दी गई है। अधिकारी के दबाव में थाली विद्यालयों में रख भी ली गई है।

प्रधानाध्यापक बीआरसी में फरवरी माह का एमडीएम उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने पहुंचे तो उन्हें यह कहकर लौटा दिया गया कि आपूर्ति की गई थालियों का चेक जमा करने के उपरांत ही प्रमाण पत्र जमा किया जाएगा।

40 रुपये की खराब थाली के लिए 140 रुपये भुगतान

कई प्रधानाध्यापकों ने डीएम व स्थानीय विधायक को आवेदन देकर पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है। करगहर विधायक संतोष कुमार मिश्रा ने कहा कि 40 रुपये की खराब थाली के लिए 140 रुपये भुगतान करने के लिए अधिकारी हेडमास्टरों पर दबाव बना रहे हैं।

इसकी शिकायत डीएम के साथ-साथ प्रधान सचिव व शिक्षा मंत्री से की गई है। साथ ही इस मामले की जांच के लिए विधानसभा अध्यक्ष को भी आवेदन दिया जाएगा। विधायक ने कहा कि अगर शिक्षा विभाग में हुई हेराफेरी की जांच नहीं हुई तो वे आंदोलन का रूख अख्तियार करेंगे।

प्रधानाध्यापकों ने बताया कि प्रखंड के 116 प्राथमिक विद्यालयों में 9693 थाली 120 रुपए प्रति थाली की दर से आपूर्ति की गई है। जिसकी कीमत 11 लाख 63 हजार तथा 54 मध्य विद्यालयों में 3356 स्टील थाली प्रति थाली 140 रुपए की दर से आपूर्ति की गई है।

40 करोड़ से अधिक की राशि का वारा-न्यारा

प्रखंड के सभी विद्यालयों में 16 लाख 33 हजार रुपए की थाली बिना टेंडर के एके ट्रेडर्स द्वारा आपूर्ति कराई गई है। जबकि प्रपत्र में स्पष्ट निर्देश है कि प्रधानाध्यापक थाली खरीद कर उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करें। जिले में केवल थाली खरीद में 40 करोड़ से अधिक की राशि का वारा-न्यारा किया गया है।

उनके द्वारा विद्यालयों में वेंडर के माध्यम से थाली भेजी गई है। बाजार में पर्याप्त थाली नहीं मिलने से यह व्यवस्था की गई है। प्रधानाध्यापकों को थाली खरीदने की स्वतंत्रता है, लेकिन अगर वेंडर की थाली ली गई है, तो उसका भुगतान भी करना जरूरी है। जब अध्यापकों को स्वयं थाली खरीद की जानी थी, तो वेंडर से थाली क्यों ले ली गई। रविंद्र कुमार, डीपीओ- मध्याह्न भोजन- रोहतास

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