अब 130 नहीं... 160 किमी की स्पीड से दौड़ेगी इस रूट की ट्रेनें, यात्रियों को होगी समय की बचत
Grand Card Railway Section बिहार के लोगों के लिए रेलवे की ओर से जल्द बड़ी सौगात मिलने वाली है। रोहतास और कैमूर से होकर गुजरने वाली ग्रैंड कार्ड रेल सेक्सन पर 130 किमी की प्रतिघंटा से बढ़ाकर 160 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेन दौड़ाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ फेंसिंग का काम लगभग पूरा कर लिया गया है।
जागरण संवाददाता, सासाराम (रोहतास)। रोहतास व कैमूर जिले से होकर गुजर रही ग्रैंड कार्ड रेलखंड पर 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से रेलगाड़ी दौड़ेगी। मिशन रफ्तार के तहत इस खंड पर भी ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए काम हो रहा है। कार्य पूरा हो जाने पर ट्रेनों की रफ्तार 130 से बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रतिघंटा तक कर दिया जाएगा।
पूर्व मध्य रेल द्वारा प्रस्तावित 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति वाले रेलवे ट्रैक के दोनों किनारे सुरक्षा बाड़ लगाए जा रहे हैं। इसके तहत बिहार, झारखंड एवं उत्तर प्रदेश राज्य में पूर्व मध्य रेल क्षेत्राधिकार के लगभग 412 किलोमीटर लंबे ग्रैंड कॉर्ड रेलवे ट्रैक को कवर किया जाएगा।
प्रधानखंटा से डीडीयू तक 231 किमी फेंसिंग का काम पूरा
प्रधानखंटा से धनबाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस जंक्शन गोमो, कोडरमा, गया, सोननगर होते हुए पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन तक 412 किलोमीटर रेलखंड में से 231 किलोमीटर रेलवे ट्रैक की फेंसिंग का कार्य पूरा हो चुका है।
डीडीयू रेल डिवीजन के डीआरएम राजेश गुप्ता के मुताबिक, पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल में 200 किलोमीटर में से 110 किलोमीटर रेलवे ट्रैक फेंसिंग का कार्य प्री-फैब्रिकेटेड सीमेंटेड स्लैब लगाकर पूरा किया जा चुका है। शेष 90 किलोमीटर का कार्य क्रैस बैरियर लगाकर शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा।
इसी तरह धनबाद मंडल में 175 किलोमीटर ग्रैंड कॉर्ड रेलखंड में से 25 किलोमीटर लंबे घाट सेक्शन छोड़कर शेष 150 किलोमीटर रेलवे ट्रैक की फेसिंग कार्य किया गया है। इनमें से अब तक 121 किलोमीटर का कार्य प्री-फैब्रिकेटेड सीमेंटेड स्लैब लगाकर पूरा हो चुका है। बाकी बचे 29 किलोमीटर का कार्य क्रैस बैरियर लगाकर अगस्त, 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
फेंसिंग कार्य पूरा होने के बाद आवागमन होगा सुगम
प्रबंधक ने कहा कि प्री-फैब्रिकेटेड सीमेंट के ढलाई किया हुआ स्लैब को दो पिलरों के मध्य स्थापित कर दिया जाता है तथा क्रैस बैरियर स्टील के दो पिलों के मध्य एक सीमित ऊंचाई के अंतराल पर दो स्टील प्लेटों को लगाया जाता है। बहुप्रतीक्षित ट्रैक फेंसिंग के कई फायदे हैं।
उन्होंने कहा कि फेंसिंग कार्य पूरा हो जाने के बाद रेलखंड पर गाड़ियों का आवागमन और सुगम हो जाएगा। इससे ट्रेनों का समय पालन बनाए रखने में मदद मिलने के साथ अतिरिक्त ट्रेनों का परिचालन भी हो सकेगा। साथ ही जहां ट्रेनों का निर्बाध परिचालन होगा, वहीं लोगों द्वारा रेलवे ट्रैकों का अतिक्रमण या अनाधिकृत रूप से रेलवे ट्रैकों से गुजरने पर होने वाली घटनाओं पर भी रोक लगेगी।
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