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'पवन' के झोंके से राजाराम ने काराकाट में ध्वस्त किया NDA का किला, देखते रह गए उपेंद्र कुशवाहा

2009 में बनी काराकाट लोकसभा की सीट पर तीन बार एनडीए का ही कब्जा रहा। 2024 के चुनाव में भाकपा माले के राजाराम सिंह ने एनडीए का किला ध्वस्त किया। पवन के झोंके से यहां एनडीए तीसरे स्थान पर पहुंच गई। उपेंद्र कुशवाहा ने जिस सीट को सबसे सुरक्षित मान वैशाली से काराकाट आए और 2014 के चुनाव में राजद की कांति सिंह को हरा जीत हासिल की।

By brajesh pathak Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 04 Jun 2024 09:55 PM (IST)
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पवन के झोंके से राजाराम ने काराकाट में ध्वस्त किया NDA का किला, देखते रह गए उपेंद्र कुशवाहा
ब्रजेश पाठक, सासाराम (रोहतास)। Karakat Lok Sabha Chunav Result काराकाट लोकसभा चुनाव की मतगणना स्थानीय बाजार समिति में की गई। जिसमें आईएनडीआईए समर्थित भाकपा माले से प्रत्याशी राजाराम सिंह ने 3,78,058 मत प्राप्त कर भोजपुरी फिल्म अभिनेता तथा निर्दलीय प्रत्याशी पवन सिंह को 1,05,858 मतों से पराजित किया।

पवन सिंह को 2,74,723 मत मिले। तीसरे स्थान पर पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा एनडीए समर्थित राष्ट्रीय लोक मोर्चा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा रहे, जहां उनको 2,53,876 मत प्राप्त हुए। सीपीआई-एमएल के राजाराम सिंह प्रारंभ से ही बढ़त बनाए रहे तथा जीत का अंतर चरण दर चरण बढ़ता गया।

15वें चक्र की मतगणना तक उपेंद्र कुशवाहा दूसरे स्थान पर रहे उसके बाद पवन सिंह ने बढ़त बना उपेंद्र कुशवाहा को तीसरे स्थान पर ला दिया। चौथे स्थान पर बसपा रही, जिसके प्रत्याशी धीरज कुमार सिंह को 23,549 मत मिले। इसके बाद 21,548 मतदाताओं ने नोटा पर भी बटन दबा पांचवें स्थान पर ला दिया।

एनडीए का गढ़ माना जाता था काराकाट

बिक्रमगंज लोकसभा का अस्तित्व समाप्त कर नए परिसिमन में 2009 में बना काराकाट लोकसभा की सीट पर तीन बार एनडीए का ही कब्जा रहा। 2024 के चुनाव में भाकपा माले के राजाराम सिंह ने एनडीए का किला ध्वस्त किया। पवन के झोंके से यहां एनडीए तीसरे स्थान पर पहुंच गई।

उपेंद्र कुशवाहा ने जिस सीट को सबसे सुरक्षित मान वैशाली से काराकाट आए और 2014 के चुनाव में राजद की कांति सिंह को हरा जीत हासिल की अब यहां से उन्हें यहां से दूसरी बार बुरी तरह मात खानी पड़ी है। गत चुनाव में वे राजद, कांग्रेस के सथ रालोसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे जिसमें उन्हें 289497 मत प्राप्त हुए थे। उस समय वे एनडीए समर्थित जदयू के महाबली सिंह से चुनाव हार गए थे।

उस समय वे एनडीए समर्थित जदयू के महाबली सिंह से चुनाव हार गए थे। पवन सिंह के नामांकन करने के साथ ही यह उम्मीद लगाई जा रही थी कि पवन उपेंद्र कुशवाहा के लिए वोटकटवा साबित होंगे, लेकिन पवन सिंह की लोकप्रियता ने वोटकटवा से अलग उन्हें मुख्य लड़ाई में ला दिया।

पहली बार इस संसदीय क्षेत्र से सीपीआई एमएल का खाता खुला है। काराकाट लोक सभा क्षेत्र में रोहतास और औरंगाबाद जिले के तीन तीन विधान सभा क्षेत्र आते हैं। जिसमें रोहतास जिला के नोखा, काराकाट, डेहरी तथा औरंगाबाद के गोह, नवीनगर और ओबरा विधान सभा सीट शामिल है। राजाराम सिंह ओबरा से भाकपा माले के टिकट पर विधायक भी रह चुके हैं।

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