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Rohtas News: फ्लोराइड से रोहतास के इस गांव के पानी में घुला जहर, शुद्ध पानी के लिए भटक रहे है ग्रामीण

Rohtas News रोहतास के तेलकप गांव में शुद्ध पेयजल की समस्या विकराल रूप ले चुकी है। भूजल में फ्लोराइड की अधिकता के कारण ग्रामीणों को दिव्यांगता समेत कई बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार की सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल का वादा भी अधूरा है। ग्रामीणों को तीन किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ रहा है।

By Prem Kumar Pathak Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Tue, 19 Nov 2024 04:21 PM (IST)
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फ्लोराइड से रोहतास के गांव तेलकप के पानी में घुला जहर (जागरण)
प्रेम कुमार पाठक, डेहरी आन सोन, (रोहतास)। Rohtas News: यह त्रासदी है कैमूर पहाड़ी की गोद में बसा रोहतास प्रखंड के तेलकप गांव के ग्रामीणों का। जिनको शुद्ध पेयजल गांव में नसीब नहीं हो पा रहा है। पानी के लिए तीन किलोमीटर की दूरी तय कर दूसरे गांवों या सोन नदी पर निर्भर रहना पड़ रहा है। यहां शुद्ध जल की व्यवस्था लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग या पंचायती राज विभाग में से किसी द्वारा अबतक मुहैया नहीं कराया जा सकी है।

दरअसल, यहां भूजल में फ्लोराइड होने के कारण चापाकल व कुआ के पानी से दिव्यांगता समेत कई बीमारी हो रही है। वर्ष 2001 तक पीपीसीएल कंपनी चालू थी तो हर घर तक पाइपलाइन बिछा नल से जल की व्यवस्था की गई थी। इसके लिए सोन नदी का जल शोधकर कंपनी द्वारा आपूर्ति की जाती थी। अब जब सरकार सात निश्चय योजना के तहत शुद्ध पेयजल की व्यवस्था घरों तक करने का दावा रही है तो इस गांव के लोग पानी के लिए तीन किलोमीटर का चक्कर लगा रहे हैं।

ग्रामीण बताते हैं कि फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगने से वे दूसरे गांवों से साइकिल और सिर पर पानी ढोने के लिए बाध्य हैं। जिसे लेकर पूर्व में विधायक तथा तत्कालीन पंचायती राज मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम से लेकर डीएम तक गुहार लगाई गई थी।

यहां तक कि लोक शिकायत और लोक सूचना के अधिकार से भी अधिकारियों की जवाबदेही तय कराने का प्रयास किया। बावजूद स्थिति यथावत है। गांव का पानी फ्लोराइड युक्त होने के कारण उससे दिव्यांगता के साथ अन्य बीमारियां भी बढ़ रही है। जिसके कारण वे अब सोन नदी और दूसरे गांवों पर अपनी निर्भरता बढ़ा दी है।

हर घर नल का जल भी नहीं 

इस गांव में हर घर नल का जल योजना से भी अबतक शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं कराई गई है। ग्रामीण खजुरी और कोठी बिगहा गांव से या सोन नदी से जल लाकर पीने को बाध्य हैं। अधिकारी भी मानते हैं कि इस गांव में फ्लोराइड युक्त पानी निकलता है। शुद्ध पेयजल की व्यवस्था अबतक नहीं हो पाई है। यहां आम जन के साथ जन प्रतिनिधि भी सिर पर पानी लाने को बाध्य है।

लोक शिकायत निवारण अधिकारी से लेकर जिला पदाधिकारी और संबंधित विभाग से लोक सूचना के अधिकार के तहत पेयजल को ले गुहार लगाई। अभी तक आश्वासन ही मिलता रहा ।समस्या का समाधान नहीं हो सका। सुरेश सिंह यादव, पूर्व पैक्स अध्यक्ष

कोठी बिगहा और खजुरी से पानी डब्बा में भर कर लाया जाता है। अब खजुरी गांव की पानी टंकी में खराबी आ जाने के कारण कोठी बिगहा और सोन नदी से जल लाने को बाध्य हैं। राजदेव सिंह, ग्रामीण

 पानी टंकी लगाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए ग्रामीणों के साथ बैठक कर अंचलाधिकारी को सूचना दी गई है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा पेयजल सुलभ करने के लिए अगले माह तक टंकी लगाने की बात कही गई है। हालांकि फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट पर कोई कार्य नहीं हो रहा है। इसके बिना पानी टंकी बेकार है।अनीता टोप्पो, मुखिया

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