Bihar News: रोहतास में खुदाई के दौरान मिली 11वीं सदी की प्रतिमा, हाथ में शंख लिए नजर आए भगवान विष्णु
सावन महीने की शुरुआत आज से हो गई है। इस बीच बिहार के रोहतास जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। एक मंदिर के पास खुदाई के दौरान भगवान विष्णु की एक प्राचीन प्रतिमा मिली है। बताया जा रहा है कि भगवान विष्णु की प्रतिमा 11वीं सदी की है। प्रतिमा के निचले तरफ के बाएं हाथ में भगवान विष्णु ने शंख पकड़ा है।
जागरण संवाददाता, सासाराम (रोहतास)। रोहतासगढ़ के चौरासन मंदिर के पास खुदाई में भगवान विष्णु की एक प्राचीन प्रतिमा मिली है।
इसमें बाएं निचले हाथ में शंख है, जो हथेली के सहारे उंगलियों को ऊपर की ओर मोड़कर पकड़ा गया है। बाएं उठे हुए हाथ में सुदर्शन चक्र है, जिसका पूरा भाग सामने की ओर दिखाई पड़ रहा है।इसे बाहर की ओर से चार अंगुलियों को मोड़कर पकड़ा गया है। दायें निचले हाथ में फल है। इसे बाहर की ओर से चार अंगुलियों को मोड़कर पकड़ा गया है। दाएं ऊपरी हाथ में गदा है, जिसका पेंदा ऊपर की ओर है। गदा की मूठ नीचे है। गदा की मूठ और पेंदा दोनों गोल एवं फांकदार हैं।
भगवान विष्णु के दोनों ओर कंधों तक घुंघराले बाल लटक रहे
भगवान विष्णु के दोनों पैरों के अगल-बगल और निचले हाथों के आयुधों के नीचे शंख पुरुष तथा गदा देवी बनी हुई हैं, जो अपने आयुधों को धारण की हुई हैं। विष्णु के सिर के ऊपर टोप बना हुआ है। उसपर अलंकरण है। टोप से नीचे मुख भाग के दोनों ओर कंधों तक घुंघराले बाल लटक रहे हैं।रोहतास के इतिहासकार और पुरातत्ववेत्ता डॉक्टर श्याम सुंदर तिवारी के अनुसार पटिए को काटकर बनी इस प्रतिमा में गले में आजानुलंबिनी वनमाला पड़ी है। यह कंधे के दोनों ओर से होकर हाथों के सहारे अंदर होती हुई घुटनों तक गई है। विष्णु जनेऊ पहने हुए हैं। गले में चौड़ा और पट्टीदार हार शोभायमान है।
डॉ. तिवारी के अनुसार भगवान् विष्णु की इस प्रतिमा में कमर से नीचे धोती का पहनावा है। उसके ऊपर चौड़ी पट्टी का कटिसूत्र है। इस कटिसूत्र से ऊरुदाम (जंघे की लड़ी) लटक रही है।इनके पैरों में नूपुर, बाजूबंद, कंगन तथा कानों में लंबा कुंडल भी है। चेहरे पर मंद मुस्कान है। यह प्रतिमा मध्यकालीन और ग्यारहवीं-बारहवीं सदी की कला का सुंदर नमूना है।यह भी पढ़ें-
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