Move to Jagran APP

लगातार हो रही बारिश से उफनाई सोन नदी

रोहतास। सोन के ऊपरी जल ग्रहण क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण नदी उफनने लगी है।

By JagranEdited By: Updated: Thu, 02 Aug 2018 10:37 PM (IST)
Hero Image
लगातार हो रही बारिश से उफनाई सोन नदी

रोहतास। सोन के ऊपरी जल ग्रहण क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण नदी उफनने लगी है। गुरुवार को भी इंद्रपुरी बराज पर पानी बढ़ने का सिलसिला जारी रहा। मध्यप्रदेश के बाणसागर जलाशय प्रबंधन से बिहार के हिस्से का पानी छोड़ा जाना रविवार से ही बंद करा दिया गया है। इंद्रपुरी बराज से आज 10644 क्यूसेक पानी सोन नदी में बहाया गया। गत 23 जुलाई से सोन नहर कमांड क्षेत्र में लगातार वर्षा के कारण पश्चिमी संयोजक नहर में भी पानी आपूर्ति की मात्रा कम कर दी गई है।

जल संसाधन विभाग मॉनीट¨रग सेल के कार्यपालक अभियंता भवनाथ ¨सह ने बताया कि सोन के ऊपरी जल ग्रहण क्षेत्र उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और झारखंड में हो रही वर्षा के कारण बराज पर आज 21791 क्यूसेक पानी पहुंच रहा है। जिसमें से 10644 क्यूसेक पानी सोन नदी में बहाया जा रहा है। बताया कि बाणसागर से एक सप्ताह पूर्व छोड़ा गया पानी यहां आज भी पहुंच रहा है। गत रविवार से मुख्य अभियंता के कहने पर बाणसागर से पानी बंद कराया गया है। वहा से इंद्रपुरी बराज पर पानी पहुंचने में एक सप्ताह का समय लगता है। उत्तरप्रदेश के रिहंद जलाशय से अभी भी पानी पहुंच रहा है। रिहंद जलाशय से भी लगभग ढाई हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। हालांकि वहां से पानी की मांग नहीं की गई है। लेकिन जब जलविद्युत परियोजना में उत्पादन शुरू रहेगा, तो वहां से पानी सोन में आना निश्चित है। उन्होंने कहा कि सोन नहर प्रणाली के क्षेत्र में एक सप्ताह से हो रही भारी वर्षा के बाद नहरों में पानी की मात्रा कम कर दी गई है। सोन उच्च स्तरीय नहर की स्थिति ऐसी हो गई है कि आज उसमें पानी की मात्रा घटाकर 750 क्यूसेक करनी पड़ी। इसके कैचमेंट एरिया से भारी मात्रा में पानी नहर में आ रही है, जो इस नहर की निर्धारित क्षमता से ज्यादा है। बताया कि क्षेत्र में लगातार हो रही वर्षा के मद्देनजर आज इंद्रपुरी बराज से पश्चिमी सयोजक नहर में 6717 व पूर्वी संयोजक नहर में 4430 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी सभी नहरों पर सघन गश्त कर रहे हैं। बराज पर 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।