Bihar News: स्वामी रामदेव बोले- अब भारत में नहीं चलेगा सर तन से जुदा और गजबा-ए-हिंद
सासाराम के महायोगी पायलट बाबा धाम में आयोजित पूर्वोत्तर ज्योतिर्लिंग सोमनाथ मंदिर व बिहार की सबसे ऊंची शिव की प्रतिमा के लोकार्पण के अवसर पर रामदेव ने कहा कि अब न गजबा-ए-हिंद चलेगा न सर तन से जुदा।
By Jagran NewsEdited By: Akshay PandeyUpdated: Mon, 07 Nov 2022 07:26 PM (IST)
जागरण संवाददाता, सासाराम (रोहतास): आर्थिक आतंकवाद, मजहबी उन्माद व अलग-अलग उन्माद से गुजर रही दुनिया एक बार फिर से अध्यात्मवाद और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के मार्ग पर चलेगी। अब न गजबा-ए-हिंद चलेगा न सर तन से जुदा। पूरा विश्व अब योग का ही अनुसरण करेगा, भारत एक बार फिर से विश्वगुरु बनेगा। इसको विश्व गुरु बनाने में एक भूमिका पायलट बाबा की भी है। उक्त बातें सोमवार को सासाराम के महायोगी पायलट बाबा धाम में आयोजित पूर्वोत्तर ज्योतिर्लिंग सोमनाथ मंदिर व बिहार की सबसे ऊंची शिव की प्रतिमा के लोकार्पण के अवसर पर पहुंचे योग गुरु स्वामी रामदेव ने कही।
दुनिया को भारत के अध्यात्मवाद से मिलेगा मार्ग
योग गुरु ने कहा कि भोगवाद में फंसी दुनिया को भारत के अध्यात्मवाद से ही मार्ग मिलेगा। चारों तरफ भोगवाद में फंसी इस दुनिया को किसी से रास्ता मिलेगा तो भारत के योग और अध्यात्मविद्या से ही। मन के रोग से पूरी दुनिया पीड़ित है, अशांत है। सारी दुनिया को शांति का कहीं से रास्ता मिलेगा तो वह भारत है। भारत के इस योगियों की शृंखला में बहुत बड़ा नाम है महायोगी पायलट बाबा का। स्वामी रामदेव ने कहा कि अब ना यहां गजबा-ए-हिंद और ना ही सर तन से जुदा, अब तो बस पूरी दुनिया में योग का जादू चलेगा। आने वाले मात्र दस से पंद्रह सालों में दुनिया की आधे से ज्यादा आबादी योग के मार्ग पर चलेगी। यह है सनातन धर्म की विश्वविजय यात्रा।
विश्वभर में फैल रही भारतीय संस्कृति : रक्षा राज्य मंत्री
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि यह बिहार के लिए ऐतिहासिक क्षण है। पायलट बाबा का मेरे जीवन में बहुत बड़ा योगदान है। भारतीय संस्कृति विश्वभर में फैल रही है तथा दुनिया अनुकरण कर रही है। हमारी संस्कृति विश्वबंधुत्व की कामना के लिए है।सनातन संस्कार से आएगी बिहार में बहार : स्वामी चिदानंद
ऋषिकेश से पधारे स्वामी चिदानंद ने कहा कि बिहार में यदि सचमुच बहार लाना है तो यहां के जन जन में सनातन संस्कार लाना होगा। कहा कि काशी हो या केदारनाथ, अयोध्या हो या उज्जैन या फिर सासाराम हम मिलकर देश के नवनिर्माण का पथ प्रशस्त कर रहे हैं। मुझे सासाराम की धरती पर इस ऐतिहासिक दृश्य का दर्शन कर बहुत प्रसन्नता हो रही है। कहा कि पायलट बाबा ने बिहार की धरती पर विनम्रता लाने के लिए बुद्ध की प्रतिमा साथ ही वैभव व शौर्य के लिए 111 फीट ऊंची शिव की प्रतिमा स्थापित की। हमारे देश के संस्कार ही हैं, जो विश्व को यहां खिंच लाते हैं।
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