Bihar Land Survey: जमीन सर्वे क्या है, बिहार से बाहर रह रहे लोग कैसे करेंगे आवेदन? जानें हर सवाल का जवाब
बिहार में भूमि सर्वेक्षण का कार्य जारी है। विभिन्न जिलों में अधिकारी भूमि सर्वे में लगे हुए हैं। लोगों के मन में सर्वे को लेकर कई तरह के सवाल हैं। आखिर क्या है सर्वे प्रदेश से बाहर रहने वाले लोग कैसे करेंगे आवेदन जमीन मालिकों को कहां पर कागजात जमा करने होंगे? इन सवालों के जवाब आपको इस आर्टिकल में मिलेंगे। रैयतों को बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नहीं है।
संवाद सहयोगी, रोहतास। भूमि सर्वेक्षण को लेकर कई तरह तरह के सवाल और आशंकाएं उत्पन्न हो रही हैं। इसको लेकर रैयत काफी असमंजस की स्थिति में हैं। उन्हें लगता है कि क्या करें, किससे पूछे, क्या कागजात लगेंगे, रैयत को क्या करना होगा, उन्हें क्या फायदे होंगे? ऐसे कई अनगिनत सवाल उठ रहे हैं।
रैयतों के सवालों और आशंकाओं के मद्देनजर डेहरी के विशेष सर्वेक्षण कानूनगो श्वेता साहू एवं विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी सुरभि सिंह से दैनिक जागरण संवाददाता राम अवतार चौधरी ने खास बातचीत की।
विशेष सर्वेक्षण कानूनगो श्वेता साहू ने बताया कि असली रैयत को घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि उनके लिए सर्वे (Bihar Land Survey) काफी उपयोगी है। इसमें सहयोग कर पुरानी कमियों को दूर करने की जरूरत है।
पहला सवाल: भूमि सर्वेक्षण क्या है?
जवाब: भूमि सर्वेक्षण पुराने खतियान का अपडेटेशन है। करीब 50 साल के अंतराल में जमीन की काफी खरीद बिक्री लेन देन हुई है, लेकिन पुराने खतियान में पुराना स्वामित्व ही दर्ज है। उनके नाम नहीं जुड़े हैं। मैप भी पुराने चल रहे हैं, जबकि उसका आकार बदल चुका है। ऐसी कई चीजें है जिसके चलते विवाद खड़े हो रहे हैं, क्योंकि पांच दशक से कोई सर्वे नहीं हुआ, जबकि बड़े पैमाने पर जमीन का मैप, प्रकृति और स्वामित्व बदल गए, लेकिन खतियान पुराने चल रहे हैं।
उन्होंने बताया कि 2024 के बिहार भूमि सर्वेक्षण में उसे अपडेट किया जाएगा। भूमि संबंधी जानकारी ऑनलाइन कर दी जाएगी। लिहाजा, बैंक खाते की तरह लोग अपनी जमीन की जमाबंदी एक क्लिक में देख सकेंगे।
दूसरा सवाल: बाहर रहने वाले रैयत कैसे करेंगे आवेदन?
जवाब: बिहार सरकार के भूमि सुधार और राजस्व विभाग की साइट पर ऑनलाइन आवेदन लेने की व्यवस्था है, इसलिए बिहार से बाहर रहनेवाले लोग भी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। रैयत अपना स्वघोषणा पत्र के साथ कागजात अपलोड कर सकेंगे। इसके अलावा, ग्राम सभाओं और कैंप कार्यालय में ऑफलाइन आवेदन लिए जाने की व्यवस्था है। हालांकि, सत्यापन के समय बाहर रहनेवाले को या फिर उनके अधिकृत प्रतिनिधि को मौजूद रहना होगा।
तीसरा सवाल: रैयत गड़बड़ी की शिकायत कहां दर्ज करा पाएंगे?
जवाब: बंदोबस्ती में खामियों के सुधार के लिए तीन मौके दिए जाएंगे। ड्राफ्ट पब्लिकेशन के बाद बंदोबस्ती शिविर में आपत्ति दर्ज करा सकेंगे। इसके अलावा कानूनगो और बंदोबस्त पदाधिकारी के स्तर पर आपत्ति दर्ज करा सकेंगे।
चौथा सवाल: रैयतों के आवेदन का सत्यापन कैसे करेंगे?
जवाब: रैयतों के आवेदन पर अमीन और कर्मी जमीनी स्तर पर सत्यापन करेंगे।
पांचवां सवाल: रैयत को क्या करना होगा?
जवाब: रैयत को अपना कागजात ठीक ठाक कर लेना है। खेतों की मेड़ आदि ठीक कर लें, ताकि नए खतियान में मौजूदा स्थिति को दर्ज किया जा सके। रैयत को प्रपत्र-2 में स्वघोषणा पत्र में जमीन संबंधी पूरी जानकारी देनी है।
साथ में मालगुजारी रसीद, एलपीसी और जमीन पर स्वामित्व का कागजात जैसे बंटवारा पेपर, क्रय केवाला, दान, डीड या अन्य कागजात जो स्वामित्व से संबंधित हो। ऐसे रैयत जिनके दादा परदादा के नाम से खतियान है। वे जीवित हैं या नहीं हैं। उन्हें प्रपत्र-3 (1) में वंशावली बनाकर देनी होगी।
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