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Food for Kids: शिशु को ऊपरी आहार कब देना है जरूरी? पढ़ लीजिए सारी जानकारी यहां

Rohtas News रोहतास के सूर्यपुरा प्रखंड में गुरुवार को अन्नप्राशन दिवस मनाया गया। विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों पर छह माह आयु पूरी कर चुके बच्चों को खीर खिलाकर यह दिवस मनाया गया। माताओं को बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति गंभीर रहने समय से उनका वजन कराने और पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने की सलाह दी गई। मौके पर पर्यवेक्षिका अमिता कुमारीआंगनबाड़ी सेविका बारून प्रीति कुमारी सहित कई महिलाएं उपस्थित थी।

By Shivesh kUMAR Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Thu, 19 Sep 2024 03:27 PM (IST)
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शिशु को आहार कराती मां (जागरण फोटो)

संवाद सूत्र, सूर्यपुरा (रोहतास)। Rohtas News: रोहतास के सूर्यपुरा प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों पर गुरुवार को अन्नप्राशन दिवस मनाया गया। वही छह माह आयु पूरी कर चुके बच्चे को खीर खिला इस दिवस को मनाया गया। आंगनबाड़ी केंद्र बारून तीन, आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र सूर्यपुरा एक, अगरेड खुर्द,गोशलडीह, कवई,बलिहार,अलीगंज,कल्याणी सहित कई केंद्रों पर बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने की सलाह दी गई।

माताओं से बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति गंभीर रहने, समय से उनका वजन कराने, उन्हें पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने और बीमार होने पर तत्काल चिकित्सक को दिखाने की सलाह दी। निरीक्षण के दौरान आंगनबाड़ी केंद्र बारून तीन पर सीडीपीओ प्रतीक्षा दूबे ने उपस्थित माताओं को बताया कि अन्नप्राशन संस्कार छठे या सातवें माह में किया जाता है।

छठे या सातवें माह के बाद शिशु को मां के दूध के साथ-साथ बेहतर पोषण हेतु ऊपरी आहार देना शुरू किया जाता है।चूंकि छह माह तक शिशु को केवल मां का दूध ही दिया जाता है, छह माह पश्चात् शिशु का विकास तेज गति से होता है और उसे अधिक पोषण की आवश्यकता होती है, इसलिए शिशु को उपरी आहार देना जरूरी होता है।

मौके पर पर्यवेक्षिका अमिता कुमारी,आंगनबाड़ी सेविका बारून केंद्र तीन प्रीति कुमारी सहित कई महिलाएं उपस्थित थी।

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