राज्य सरकार की अतिमहत्वाकांक्षी योजना पंचायत सरकार भवन का निर्माण करा पंचायतों में ही जनता का कार्य संपन्न कराने की कवायद पर पंचायत प्रतिनिधि व अधिकारी रोड़ा अटका रहे हैं। जिससे पंचायत की अपनी सरकार के बैठकर कार्य निष्पादन की अवधारणा साकार होती नहीं दिख रही है। अनुमंडल क्षेत्र में इसे साकार करने को ले करोड़ों रुपये खर्च कर 50 फ़ीसद पंचायतों में
By JagranEdited By: Updated: Sat, 25 Jul 2020 05:51 PM (IST)
रोहतास। राज्य सरकार की अतिमहत्वाकांक्षी योजना पंचायत सरकार भवन का निर्माण करा पंचायतों में ही जनता का कार्य संपन्न कराने की कवायद पर पंचायत प्रतिनिधि व अधिकारी रोड़ा अटका रहे हैं। जिससे पंचायत की अपनी सरकार के बैठकर कार्य निष्पादन की अवधारणा साकार होती नहीं दिख रही है। अनुमंडल क्षेत्र में इसे साकार करने को ले करोड़ों रुपये खर्च कर 50 फीसद पंचायतों में पंचायत सरकार भवन का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। इसके बावजूद किसी पंचायत सरकार भवन में पंचायत के कर्मी नहीं बैठ पा रहे हैं। ग्रामीणों को राजस्व लगान जमा करने, आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र, पेंशन समेत अन्य कार्यों के निष्पादन के लिए प्रखंड मुख्यालय ही जाना पड़ रहा है।
यही हाल नौहट्टा प्रखंड के कैमूर पहाड़ी पर स्थित पीपरडीह पंचायत का है। जहां पर एक करोड़ 26 लाख 65 हजार 169 की लागत से 16 नवंबर 2019 को पंचायती राज विभाग द्वारा बिहार पंचायत शुद्धिकरण परियोजना के तहत पंचायत सरकार भवन का निर्माण किया गया है, परंतु निर्माण काल से भवन का ताला ही नहीं खुला है।
क्या है पंचायत सरकार की परिकल्पना राज्य सरकार की सोच है कि पंचायत स्तर के कार्यों के निष्पादन के लिए पंचायत ही सरकार होगी। जिसके लिए पंचायत सरकार भवन का निर्माण किया गया है। जिसमें पंचायत सचिव, राजस्व कर्मचारी, डाटा एंट्री ऑपरेटर, आवास सहायक, मुखिया, सरपंच समेत पंचायत स्तर के सभी अधिकारी, कर्मचारी एवं प्रतिनिधि के कक्ष की भी व्यवस्था की गई है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन, आय ,जाति, निवास प्रमाण पत्र, प्रधानमंत्री आवास योजना, किसान सम्मान निधि योजना समेत अन्य योजनाओं के लिए आवेदनों का निष्पादन पंचायत सरकार भवन में ही किया जाएगा। नौहट्टा प्रखंड के पीपरडीह, तिलोखर, जयंतीपुर, दारानगर, रोहतास प्रखंड के तुंबा, तेलकप,रसूलपुर, समहुता, उचैला, डेहरी के भालुआड़ी और दहाउर समेत तिलौथू, अकोढ़ीगोला प्रखंड में भी कई पंचायतों में भवन बनकर तैयार है।
कहते हैं ग्रामीण कैमूर पहाड़ी के पीपरडीह पंचायत के बंडा गांव निवासी सुग्रीव सिंह खरवार, शिव शंकर सिंह खरवार, हरैयाडीह के योगेंद्र उरांव कहते हैं कि पहाड़ी पर बसे लोगों का पंचायत स्तर के कार्यों के लिए आज भी जंगली रास्तों से होकर 1580 फीट की ऊंचाई से नीचे उतरकर नौहट्टा जाना पड़ता है।
------------------------ पंचायत सचिव, राजस्व कर्मचारी समेत सभी कर्मियों को निर्देश दे दिया गया है कि सभी अपने-अपने पंचायत सरकार भवन में ही रहेंगे। भौगोलिक बनावट एवं सुरक्षात्मक दृष्टि से कैमूर पहाड़ी पर बसे गांव में रहने में लोगो को थोड़ी समस्या हो रही है। कितु हर हाल में इसे लागू किया जाएगा और सभी कर्मी अपने पंचायत में ही रहेंगे। बैजू मिश्र, बीडीओ- नौहट्टा
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