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चंद्रयान- 3 मिशन से जुड़ा बिहार का लाल नितेश कुमार, गांव में जश्न का माहौल; बचपन से था वैज्ञानिक बनने का शौक

Chandrayaan 3 सत्तरकटैया प्रखंड के विशनपुर पंचायत स्थित आरण गांव निवासी नितेश कुमार चंद्रयान - 3 के मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों की टीम का हिस्सा हैं। नितेश चंद्रयान 3 में साइबर सुरक्षा में प्रबंधक के रूप में बेंगलुरु में कार्यरत हैं। बुधवार को भारत के मून मिशन यानी चंद्रयान - 3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग हुई। इस सफलता से आरण गांव में जश्न का माहौल बना हुआ है।

By Jagran NewsEdited By: Aysha SheikhUpdated: Thu, 24 Aug 2023 03:28 PM (IST)
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चंद्रयान- 3 मिशन से जुड़ा बिहार का लाल नितेश कुमार, गांव में जश्न का माहौल

संवाद सूत्र, सत्तरकटैया (सहरसा) : बचपन से ही वैज्ञानिक बनने के शौकीन सत्तरकटैया प्रखंड के विशनपुर पंचायत स्थित आरण गांव निवासी नितेश कुमार चंद्रयान - 3 के मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों की टीम का हिस्सा हैं।

बुधवार को भारत के मून मिशन यानी चंद्रयान - 3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग हुई। नितेश चंद्रयान 3 में साइबर सुरक्षा में प्रबंधक के रूप में बेंगलुरु में कार्यरत हैं।

जिला स्कूल से 1996 में पास की 10वीं

नितेश ने वर्ष 1996 में जिला स्कूल सहरसा से दसवीं परीक्षा उत्तीर्ण की थी। इसके बाद टीएनबी कॉलेज भागलपुर से इंटर की डिग्री ली।

वर्ष 2006 में इंजीनियरिंग कर वर्ष 2008 में साइंटिस्ट एस सी के पद पर बेंगलुरु में योगदान दिया। वर्तमान में चंद्रयान - 3 में साइबर सुरक्षा में प्रबंधक के रूप में कार्यरत हैं।

गांव में है जश्न का माहौल

भारत के मून मिशन यानी चंद्रयान - 3 की लैंडिंग सफल होने पर चंद्रयान - 3 के मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों की टीम में शामिल आरण निवासी नितेश पर ग्रामीणों को गर्व है।

उनकी इस सफलता से गांव में जश्न का माहौल बना हुआ है। पंचायत की मुखिया जुली कुमारी, प्रदेश जदयू नेता किशोर कुमार सिंह एवं मुखिया प्रतिनिधि सरोज यादव समेत दर्जनों लोगों ने उनके पैतृक गांव आरण पहुंच उनके स्वजन को मिठाई खिलाकर बधाई दी।

मुखिया प्रतिनिधि ने बताया कि नितेश बचपन से ही मेधावी छात्र रहे हैं। यही कारण है कि आज विशनपुर पंचायत के आरण गांव का नाम पूरे भारत देश में गौरवान्वित किया है।

बचपन से था वैज्ञानिक बनने का शौक

नितेश के पिता स्वर्गीय उपेंद्र नारायण यादव उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक के पद से अवकाश प्राप्त हुए थे। वर्ष 2011 में उनका निधन हो गया था। चार भाई एवं दो बहनों में नितेश सबसे छोटे हैं।

चचेरे भाई रूपेश यादव व ग्रामीण झुन्नू ने बताया कि वह शुरू से ही मेधावी छात्र रहे हैं, जिसका परिणाम है कि आज वह देश के लिए अच्छा कार्य कर रहे हैं। बड़े भाई संजीव कुमार ने बताया कि बचपन से ही उसे वैज्ञानिक बनने का शौक था। वह तरह-तरह की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और मशीन बनाया करता था।

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