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Bihar Flood: बाढ़ से मचा हाहाकार, आंखों के सामने घरों को नदी में समाते देखते रह गए लोग

Bihar Flood बिहार में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। सहरसा जिले में कोसी नदी के तटबंध टूटने से तबाही मच गई है। दरभंगा और सहरसा जिले के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं और प्रशासन राहत कार्य में जुटा हुआ है। हालांकि दूसरी ओर लोगों में प्रशासनिक लापरवाही और नाकाफी इंतजाम को लेकर आक्रोश भी बढ़ रहा है।

By Kundan Mishra Edited By: Yogesh Sahu Updated: Mon, 30 Sep 2024 06:37 PM (IST)
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चीख-चीत्कार के बीच तटबंध टूटने के बाद मचा हाहाकार
कुंदन मिश्रा, महिषी (सहरसा)। पानी की तेज आवाज के बीच रविवार की देर रात चीख-पुकार मची हुई थी। सहरसा जिला के महिषी प्रखंड का सीमावर्ती जिला दरभंगा है। यहां भुभौल गांव के सामने कोसी नदी का पश्चिमी तटबंध 33.6 किमी पर टूट गया। पल भर में हाहाकार मच गया।

तटबंध के टूटने से दरभंगा जिला के किरतपुर, घनश्यामपुर सहित अन्य प्रखंड तो प्रभावित हुए ही, सहरसा जिला भी इससे अछूता नहीं रहा। महिषी प्रखंड के बीरगांव पंचायत स्थित मोहनपुर, बघवा, मनोवर, तेलवा एवं घोंघेपुर पंचायत के सभी गांवों में बाढ़ ने अपना तांडव मचाना शुरू कर दिया है।

नाव की व्यवस्था नहीं की

बड़ी संख्या में लोग घरबार छोड़कर पश्चिमी तटबंध व सहरसा-दरभंगा पथ पर शरण लिए हुए हैं। गंड़ौल चौक से किरतपुर पर पहुंचने पर अलग ही मंजर दिखा। दरभंगा या सहरसा का प्रशासन बस हवा-हवाई बातें करता रहा। प्रभावित क्षेत्र में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए नाव की व्यवस्था नहीं की गई थी।

विस्थापितों को सिर छिपाने लिए पालीथिन की भी व्यवस्था करने में लापरवाही बरती जा रही है। कटावस्थल के आसपास के विस्थापितों के बच्चे भूख से बिलख रहे थे। सोमवार अल सुबह महिषी प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों में तेजी से पानी फैला।

कोई हाल पूछने वाला नहीं

विस्थापित सिर पर छांव व पेट में अनाज को तरस रहे हैं। किरतपुर निवासी मु. इलियास ने बताया कि घटना के छह घंटे गुजर जाने के बाद भी उनका हाल पूछने कोई नहीं आया। जमालपुर के मनोज साफी ने बताया कि रविवार शाम से ही तटबंध के दो किलोमीटर भाग पर कोसी नदी का पानी बहने लगा।

इससे सहमकर अधिसंख्य लोगों ने तटबंध पर शरण ली। तटबंध टूटने के बाद लोग बेबस नजरों से अपने आशियाने को निहारते रहे। मंसूर आलम कहते हैं कि ऊपर वाले का शुक्रिया है कि लोग अपने जीवन को बचाने में सफल रहे। प्रशासन ने उन्हें बेसहारा ही छोड़ दिया था।

कई लोग गांव से बाहर नहीं निकल पाए

महिषी प्रखंड क्षेत्र के गंड़ौल पहुंचने पर सहरसा-दरभंगा पथ पर शरण लिए रामस्वरूप मुखिया, रघुवीर मुखिया, कुशेश्वर मुखिया व कन्हैया मुखिया ने बताया कि सोमवार सुबह करीब चार बजे से गांव में बाढ़ का पानी भरने लगा। पानी की रफ्तार से सहमे लोग जल्द से जल्द सुरक्षित स्थल तक पहुंचने का प्रयास करने लगे।

नाव के अभाव में अब भी कई लोग गांव से बाहर नहीं निकल पाए हैं। सड़क किनारे धूप और वर्षा ने नई समस्या खड़ी कर दी। कुछ पीड़ितों ने बताया कि भोजन की कौन कहे, पानी तक को वे तरस रहे हैं। प्रशासनिक व्यवस्था खानापूरी तक ही सीमित रही।

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