Bihar Jamin Survey: अब घर बैठे मिलेगी जमीन सर्वे की एक-एक जानकारी, हर अपडेट देगा नीतीश सरकार का ये नया एप
बिहार में भूमि सर्वे का काम तेजी से चल रहा है। इस बीच कई बातें ऐसी हैं जिनके बारे में लोगों को जानकारी नहीं है। लोग समस्याओं के समाधान के लिए ब्लॉक के चक्कर लगा रहे हैं। वहीं अब नीतीश सरकार ने लैंड सर्वे से जुड़ी एक एक जानकारी प्रदान करने के लिए अब एक एप लॉन्च कर दिया है।
संवाद सूत्र, नवहट्टा (सहरसा)। ग्रामीण इलाके में जमीन का विशेष सर्वेक्षण का कार्य शुरू हो गया है। भूस्वामियों को जागरूक करने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा ट्रैकर एप विकसित किया गया है। ताकि सर्वे की अद्यतन स्थिति की जानकारी ऑनलाइन लोग देख सके।
जानकारी के अनुसार, इस एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। इसमें जिला, अंचल और ग्राम पंचायत का नाम डालने पर जमीन का पूरा विवरण दिखने लगेगा। इसमें मौजा, खाता, खेसरा एवं प्लाट संख्या के साथ रकवा को भी देखा जा सकता है।
इस एप की मदद से संबंधित क्षेत्र में जमीन के सर्वे की पूरी स्थिति जानी जा सकती है। इसमें संबंधित पंचायतों के अमीन और कानूनगो का मोबाइल नंबर भी डाला गया है। इससे संबंधित कर्मियों से सीधे बात कर समस्या का समाधान पाया जा सकता है।
वहीं, प्रावधान के अनुसार, सर्वे दस्तावेज में किसी भी मृत व्यक्ति का नाम नहीं चढ़ाया जाएगा। यदि किसी का जमीन का दस्तावेज दादा परदादा के अलावा किसी ऐसे व्यक्ति के नाम पर है, जिनका निधन हो गया है तो ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति के जितने भी वारिस हैं। सभी का नाम सर्वे में चढ़ाया जाएगा।
इसके लिए ग्राम पंचायत से पारित वंशावली ही मान्य होगी। इसपर सभी रैयतों के हस्ताक्षर होने चाहिए। वहीं, अगर किसी का बंटवारा भी नहीं हुआ है तो जमीन सर्वे में अलग-अलग नाम भी नहीं चढ़ाया जाएगा।
देना होगा भूमि स्वामित्व जुड़ा कोई भी प्रमाणपत्र
सीओ मौनी बहन ने बताया कि सर्वे के दौरान संबंधित व्यक्ति को हुई भूमि से जुड़ा कोई दस्तावेजी प्रमाणपत्र देना होगा। ताकि यह साबित हो सके कि उक्त जमीन उसकी है। भूमि से संबंधित विवरण स्व घोषणा पत्र यानी प्रपत्र 2 में खेसरा वार भरकर शिविर में जमा करना है या विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करना है।
स्व घोषणा पत्र के साथ स्वामित्व संबंधी दस्तावेज यथा जमाबंदी रजिस्टर, लगान रसीद, एलपीसी, वासगीत, दान, विनिमय, जमीन का खतियान, वंशावली, बंटवारा आदि संलग्न करना है।यह भी पढ़ें-Bihar Vanshavali: वंशावली बनवाने का रेट फिक्स, अब करना होगा इतना भुगतान; सर्वे के बीच नीतीश सरकार का बड़ा फैसला
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