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Bihar News: मंत्री जी के गांव जाने वाली सड़क की पुलिया गिरी, JDU नेता ने सरकारी अधिकारी पर लगाया आरोप

बिहार में अब मंत्री जी के गांव जाने वाली सड़क की पुलिया ही गिर गई। यह पुलिया मंत्री रत्नेश सदा के पैतृक गांव की है। इसका निर्माण 2005 में हुआ था। पुलिया के गिरने से यातायात बाधित हो गया है। प्रखंड जदयू अध्यक्ष मनोज साह ने बताया कि विभागीय अधिकारी द्वारा निर्माण कार्य के दौरान गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा जाता है।

By Kundan Singh Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 11 Jul 2024 09:37 AM (IST)
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मंत्री रत्नेश सदा के गांव जाने वाली सड़क की पुलिया गिर गई। (फोटो- जागरण)

संवाद सूत्र, महिषी (सहरसा)। प्रदेश के मद्य निषेध व निबंधन मंत्री रत्नेश सादा के पैतृक गांव को जोड़ने वाली सड़क पर 2005 में बनी पुलिया बुधवार सुबह 10:30 बजे अचानक भरभराकर गिर गई। इस कारण इस मार्ग पर यातायात पूर्णत: बाधित हो गया। यह पुलिया सहरसा-दरभंगा पथ पर स्थित थी।

मंत्री के गांव बलिया सिमर होते हुए कुंदह व नवहट्टा प्रखंड के सत्तर तक जाने वाली सड़क पर सिमरी गांव के समीप यह पुलिया बनी थी। सूचना मिलते ही सीओ अनिल कुमार मौके पर पहुंचे। बाढ़ के समय में कोसी का पानी फैलने के बाद यहां नई धारा बहने लगती है।

2005 में एनआरईपी (राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम) से ईंट की इस पुलिया को बनाने की बात कही जाती है। पुलिया के निर्माण से संबंधित कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। इसी पुलिया से जोड़ती हुई सड़क का एक करोड़ 20 लाख की लागत से निर्माण करवाया गया था। उक्त सड़क का निर्माण फिर 2016 में एक करोड़ 40 लाख की लागत से करवाया गया।

पुरानी पुलिया पर नहीं दिया कोई ध्यान

इसके अतिरिक्त 2021 में भी सड़क की मरम्मत कराई गई थी। इसके बावजूद पुरानी पुलिया पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। सीओ अनिल कुमार ने बताया कि संबंधित विभाग के वरीय अधिकारी को सूचना दी गई है। विभाग के जेई ने घटना स्थल का जायजा लिया। उन्होंने 24 घंटे के अंदर अस्थायी व्यवस्था कर यहां आवागमन शुरू करने का आश्वासन दिया है।

विभाग पर लगा आरोप

कुंदह पंचायत के मुखिया पन्नालाल राम ने बताया कि विभागीय लापरवाही से पुलिया ध्वस्त हुई है। इस कारण बलिया सिमर, कुंदह व सतौर के 10 हजार ग्रामवासियों के समक्ष आवागमन की समस्या उत्पन्न हो गई है।

प्रखंड जदयू अध्यक्ष मनोज साह ने बताया कि विभागीय अधिकारी द्वारा निर्माण कार्य के दौरान न तो गुणवत्ता का ख्याल रखा जाता है और न ही पुरानी सड़क व पुल-पुलिया का ससमय मेंटेनेंस करवाया जाता है। इस कारण ऐसे हादसे हो रहे हैं। जिला परिषद सदस्य मणिया देवी के प्रतिनिधि महादेव पासवान ने भी इसके लिए विभागीय अधिकारियों व संवेदकों को जिम्मेदार ठहराया है।

पुलिया दूसरी योजना से 2005 में बनी थी। यह ईंट से निर्मित पुलिया थी। जिस समय सड़क निर्माण करवाया जा रहा था, उस समय अभियंता को लगा होगा कि पुलिया कारगर है। जल्द ही नई पुलिया का निर्माण करवाया जाएगा। यह बाढ़ ग्रस्त इलाका है। पानी के दवाब में पुलिया गिरी है।- राजीव रंजन, अधीक्षण अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग

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