Bihar Smart Meter: अचानक समाप्त हो जाती है राशि, बिना सूचना के कट जाती है बिजली
Bihar Smart Pre-paid Meter उपभोक्ताओं को सुविधा के नाम पर उपलब्ध कराया गया स्मार्ट प्रीपेड मीटर सिरदर्द साबित हो रहा है। उपभोक्ता अपनी खर्च के लगभग समतुल्य राशि रिचार्ज कर अगर यह सोचते हैं कि वे महीना भर निश्चित रहेंगे तो उन्हें किसी भी समय धोखा हो सकता है। अचानक बिल बनने पर उनके खाते की राशि कट जाती है।
संवाद सूत्र, सहरसा। ग्राहकों को निर्वाध विद्युत आपूर्ति और विपत्र में गड़बड़ी की समस्या के समाधान हेतु सहरसा जिला मुख्यालय में उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर लगाया गया। हालांकि जिला मुख्यालय समेत जिले के नगरीय क्षेत्र में 56 हजार लक्ष्य के विरूद्ध अबतक मात्र साढ़े ग्यारह लोगों का मीटर लग सका है। परंतु, जिन उपभोक्ताओं के यहां मीटर लगा, उनकी समस्या और गहराती जा रही है।
इस मीटर में रिचार्ज के बाद इसका सही हिसाब पता लगाना कठिन है। हर महीने बिल में असमान उतार-चढ़ाव तो होता ही है, किसी भी समय अचानक सैकड़ों रुपये ग्राहक के खाते से समाप्त हो जाती है। प्रावधान के अनुसार, उन्हें इसकी पूर्व सूचना भी नहीं दी जाती और अचानक बिजली कट जाती है। इसका एरियर कैसे जमा हो रहा, कैसे कटौती हो रही है, कोई अधिकारी इसका सही जबाव देने की स्थिति में भी नहीं है।
विपत्र सुधार के लिए हर दिन चक्कर लगा रहे दर्जनों उपभोक्ता
उपभोक्ताओं को सुविधा के नाम पर उपलब्ध कराया गया स्मार्ट प्रीपेड मीटर सिरदर्द साबित हो रहा है। उपभोक्ता अपनी खर्च के लगभग समतुल्य राशि रिचार्ज कर अगर यह सोचते हैं कि वे महीना भर निश्चित रहेंगे, तो उन्हें किसी भी समय धोखा हो सकता है। अचानक बिल बनने पर उनके खाते की राशि कट जाती है।नियमानुसार रिचार्ज की राशि समाप्त होने के पूर्व उपभोक्ता के पंजीकृत नंबर पर सूचना दिया जाना है, परंतु कई उपभोक्ताओं ने शिकायत किया कि बिना सूचना के लिए उनकी बिजली काट दी गई। दिनभर वे बिजली ठीक होने का इंतजार करते रहे। बाद में उन्हें संपर्क करने पर पता चलता है कि उनकी राशि समाप्त हो गई और बिजली काट दी गई है।
इस तरह उपभोक्ताओं की समस्या बढ़ती जा रही है। असमान बिल के बारे में कहा जाता है कि लोड बढ़ने के कारण अचानक राशि में बढ़ोतरी हो जाती है, इसके साथ दंड शुल्क भी जुड़ जाता है, जो पुराने मीटर में नहीं होता था।
कभी- कभी देर से अपडेट होने के कारण राशि की अचानक भी कटौती हो जाती है। अगर किसी उपभोक्ता का मीटर लोड एक केवी निर्धारित है और उनके यहां खपत इससे ज्यादा होती है, तो स्मार्ट मीटर में स्वयं ही दंड शुल्क भी जुड़ जाता है। इस कारण उपभोक्ताओं को भ्रम हो रहा है। मीटर में और राशि की गणना में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हो रही है। - मौनेलाल कुमार, राजस्व पदाधिकारी, बिजली विभाग, सहरसा
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