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मिट रहा है राम जानकी ठाकुरबाड़ी का अस्तित्व

सहरसा। प्रखंड के बिजलपुर पंचायत में ग्रामीणों के आस्था का केंद्र रामजानकी ठाकुरबाड़ी का अस्तित्व मिटता जा रहा है। स्थानीय दो दर्जन से अधिक लोगों ने ठाकुरबाड़ी की लगभग 30 एकड़ जमीन पर कब्जा जमा लिया है। परिणामस्वरूप दिन-प्रतिदिन यह स्थल खंडहर में तब्दील होती जा रही है।

By JagranEdited By: Updated: Sun, 11 Jul 2021 05:21 PM (IST)
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मिट रहा है राम जानकी ठाकुरबाड़ी का अस्तित्व

सहरसा। प्रखंड के बिजलपुर पंचायत में ग्रामीणों के आस्था का केंद्र रामजानकी ठाकुरबाड़ी का अस्तित्व मिटता जा रहा है। स्थानीय दो दर्जन से अधिक लोगों ने ठाकुरबाड़ी की लगभग 30 एकड़ जमीन पर कब्जा जमा लिया है। परिणामस्वरूप दिन-प्रतिदिन यह स्थल खंडहर में तब्दील होती जा रही है। हालांकि लोगों के कब्जे से जमीन मुक्ति एवं ठाकुरबाड़ी के विकास की मांग को लेकर स्थानीय स्तर पर कई बार धरना प्रदर्शन भी किया गया। मगर प्रशासनिक स्तर से कोई पहल नहीं होने के कारण जमीन पर कब्जा जमाने वाले के मनोबल में कोई कमी नहीं आई है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से राम जानकी ठाकुरबाड़ी की जमीन अतिक्रमणकारियों से मुक्ति दिलाने की गुहार लगाई है।

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धार्मिक न्यास परिषद ने किया था कमेटी का गठन

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बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद पटना द्वारा स्थानीय स्तर पर एक कमेटी गठित कर राम जानकी ठाकुरबाड़ी स्थान की निगरानी और विकास का दायित्व सौंपा गया था। बाद में ग्रामीणों द्वारा कमेटी के कुछ सदस्यों की शिकायत करते हुए फिर से कमेटी गठित करने का आग्रह किया गया था।

स्थानीय लोगों के अनुसार न्यास कमेटी द्वारा कुछ लोगों को बटाईदारी पर जमीन दे दी गई थी मगर कुछ वर्ष बाद इस पर उन लोगों ने कब्जा जमा लिया, जबकि वर्ष 2004 में न्यास पर्षद द्वारा नौ सदस्यीय नई कमेटी का गठन करते हुए ठाकुरबाड़ी के चल-अचल संपत्ति के आय का उपयोग धार्मिक कार्यों एवं मंदिर के रखरखाव पर व्यय करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

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कई बार हो चुका है अनशन व धरना- प्रदर्शन

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राम जानकी ठाकुरबाड़ी की जमीन को स्थानीय लोगों की कब्जे से मुक्ति एवं इस स्थल के विकास की मांग को लेकर कई बार अनशन और धरना- प्रदर्शन भी किया गया। पंचायत के मुखिया संजीव कुमार राय के नेतृत्व में ग्रामीणों द्वारा ठाकुरबाड़ी के अतिक्रमित जमीन की मुक्ति की मांग को लेकर कई बार अनशन शुरू किया जा चुका है। हर बार वरीय अधिकारी के आश्वासन पर अनशन समाप्त तो करवा दिया जाता था, लेकिन इस मामले में अबतक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। परिणामस्वरूप करोड़ों का स्वामित्व रहते हुए भी राम जानकी ठाकुरबाड़ी की अस्तित्व मिटने के कगार पर है।

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कोट

मेरे संज्ञान में नहीं था। स्थानांतरण भी हो गया है। इसके बावजूद वरीय पदाधिकारी के निर्देशानुसार समुचित कार्रवाई की जाएगी।

अखिलेश कुमार, पदेन अध्यक्ष मंदिर न्यास समिति सह सीओ, सत्तरकटैया।

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