Saharsa News: आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में पूर्व MP महबूब अली कैसर रिहा, स्पेशल जज ने सुनाया फैसला
आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले में पूर्व सांसद महबूब अली कैसर को बड़ी राहत मिली है। एमपी-एमएलए कोर्ट के स्पेशल जज ने पूर्व सांसद को रिहा कर दिया है। स्पेशल जज ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से एक मात्र गवाह महिषी थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष सह उड़नदस्ता दल के पुलिस पदाधिकारी श्रीकांत प्रसाद सिन्हा का बयान आरोप को साबित करने के लिए नाकाफी है।
जागरण संवाददाता, सहरसा। Mehboob Ali Kaiser आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के दस वर्ष पुराने मामले में मंगलवार को एमपी, एमएलए कोर्ट के स्पेशल जज चंदन कुमार वर्मा ने खगड़िया संसदीय क्षेत्र के लोजपा के पूर्व सांसद एवं वर्तमान में राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चौधरी महबूब अली कैसर को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया।
स्पेशल जज ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से एक मात्र गवाह महिषी थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष सह उड़नदस्ता दल के पुलिस पदाधिकारी श्रीकांत प्रसाद सिन्हा का बयान आरोप को साबित करने के लिए नाकाफी है।
मामले में पूर्व सांसद की तरफ से वरीय अधिवक्ता वीरेंद्र कुमार झा अनीश विलास चौधरी एवं मोहन पाठक ने बहस के दौरान उनके विरुद्ध कोई साक्ष्य नहीं होने का हवाला देते हुए महबूब अली कैसर को रिहा करने की प्रार्थना न्यायालय से की थी।
क्या है मामला?
बता दें कि वर्ष 2014 के लोक सभा चुनाव के दौरान खगड़िया संसदीय क्षेत्र से लोजपा प्रत्याशी चौधरी महबूब अली कैसर के विरुद्ध महिषी के तत्कालीन अंचलाधिकारी सह चुनाव के नोडल पदाधिकारी वीरेंद्र प्रसाद सिंह ने महिषी थाना में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था।
प्राथमिकी में कहा गया था कि 18 अप्रैल 2014 को साढ़े पांच बजे शाम में क्षेत्र भ्रमण के दौरान मैना गांव स्थित भारतीय स्टेट बैंक के मोड़ पर लोजपा प्रत्याशी के प्रचार वाहन को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए जब्त किया गया था।
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