KK Pathak : स्कूलों की सफाई को लेकर भी शिक्षा विभाग सख्त, अधिकारियों को मिल गया टास्क; हर हाल में करना होगा ये काम
KK Pathak स्कूलों में साफ-सफाई को लेकर भी केके पाठक गंभीर हैं। इस बीच शिक्षा विभाग ने अपने अधिकारियों को नया टास्क दे दिया है। स्कूलों का निरीक्षण करने वाले अधिकारियों को साफ-सफाई की फोटो भी पोर्टल पर अपलोड करनी है। इस संबंध में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा निर्देश जारी किया गया है। जारी निर्देश में हर तरह की जानकारी दी गई है।
संवाद सूत्र, नवहट्टा (सहरसा)। विद्यालय में साफ-सफाई की दो फोटो पोर्टल पर अनिवार्य रूप से अपलोड करना होगा। शिक्षा विभाग ने जिला अंतर्गत संचालित सरकारी विद्यालयों में हाउसकीपिंग की व्यवस्था के तहत साफ-सफाई को गंभीरता पूर्वक निष्पादन को लेकर विशेष रूप से दिशा निर्देश जारी किया है।
वहीं, विद्यालय निरीक्षण के दौरान पदाधिकारियों को हाउसकीपिंग की व्यवस्था का लगातार अनुश्रवण करने को कहा गया है। साथ ही दो फोटोग्राफ पोर्टल पर अपलोड करने को कहा गया है। इस संबंध में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा निर्देश जारी किया गया है।
विद्यालयों की साफ सफाई को लेकर हाउसकीपिंग की व्यवस्था
Bihar News जारी निर्देश में कहा गया है कि विद्यालयों की साफ सफाई को लेकर हाउसकीपिंग की व्यवस्था की गई है। जिसमें आउटसोर्सिंग के माध्यम से विभिन्न एजेंसियों द्वारा सफाई कार्य किया जा रहा है।ऐसे में इसको अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता है। निर्देश में कहा गया है कि अपलोड किए गए फोटोग्राफ में निरीक्षण कर्ता का नाम, पदनाम व विद्यालय का नाम स्पष्ट रूप से अंकित करना अनिवार्य है।
कहीं पंखे में खराबी, कुछ स्कूलों में वायरिंग का अभाव
बांका के सरकारी स्कूलों में गर्मी से राहत के लिए सुविधाओं का अभाव है। बच्चे गर्मी के कारण पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। सोमवार को दैनिक जागरण पड़ताल में कुछ स्कूलों में पंखे जरुर मिले, लेकिन लाइट कटने के बाद पंखा चलने की कोई व्यवस्था नहीं थी। कुछ स्कूलों में पंखा ही नदारद मिला।शहर के दुमका रोड स्थित कुशवाहा नगर में नामांकित 89 बच्चों में मिशन दक्ष में 24 बच्चे स्कूल पहुंचे थे। कुछ बच्चे कमरे के अंदर पंखा में पढ़ाई कर रहे थे। कुछ बच्चे कमरे के बाहर बरामदे पर बिना पंखा में पढाई कर रहे थे। दो पंखे में एक पंखा में खराबी की वजह से स्लो चल रहा था।
स्कूल में पेयजल की समस्या गंभीर है। चापाकल में लगाया गया मोटर खराब है। बच्चों को पेयजल के लिए भटकना पड़ता है। शिक्षिका शिवांगिनी शौर्य ने बताया कि स्कूल में पेयजल एवं शौचालय की दिक्कत है। डेम रोड स्थित आदर्श मध्य विद्यालय बालक में बच्चों के लिए क्लास रुम में पंखा जरुर था।पंखा शिक्षकों के बैठने की जगह लगाया गया था। इससे बच्चों को गर्मी में पसीने छूट रहे थे। नामांकित 300 बच्चों में मिशन दक्ष में 30 बच्चे स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे। स्कूल में भूगर्भ जलस्तर नीचे चले जाने से पानी की कोई व्यवस्था नहीं है।
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