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पॉल्ट्री फार्म के लिए नई गाइडलाइन, सड़क से दूरी और सर्टिफिकेट जरूरी; मुर्गी पालन के लिए सख्त हुए नियम

मुर्गी पालन करने जा रहे हैं तो आपको नया नियम जानना बेहद जरूरी है। मुर्गी पालन के 125 मीटर की परिधि में आबादी नहीं होनी चाहिए। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की गाइडलाइन के अनुसार किसी आवासीय क्षेत्र से कम से कम 500 मीटर की दूरी पर कोई पाल्ट्री फार्म नहीं होगा। इसके अलावा एनएच से सौ और एसएच से 50 मीटर की दूरी अनिवार्य है।

By Kundan SinghEdited By: Mukul KumarUpdated: Tue, 28 Nov 2023 03:02 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
नवहट्टा (सहरसा)। पांच हजार या इससे अधिक के कुक्कुट की (मुर्गी) पालन के लिए प्रदूषण प्रमाणपत्र लिया जाना अनिवार्य है। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की गाइडलाइन जारी किया है। इसके अलावा, मुर्गी पालन के 125 मीटर की परिधि में आबादी नहीं होनी चाहिए।

बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की गाइडलाइन के अनुसार, किसी आवासीय क्षेत्र से कम से कम 500 मीटर की दूरी पर कोई पॉल्‍ट्री फार्म नहीं होगा। यानी 125 मीटर की परिधि में आबादी शून्य होनी चाहिए।

इसके अलावा वृहद जलस्त्रोत से इसकी दूरी कम से कम 100 मीटर होनी चाहिए। एनएच से सौ, एसएच से 50 व ग्रामीण सड़क से कम से कम 10 मीटर की दूरी अनिवार्य है। पॉल्‍ट्री फार्म के शेड से चहारदीवारी की भी 10 मीटर दूरी होनी चाहिए।

ग्रामीण इलाके में धड़ल्ले से आबादी बाहुल्य इलाके में बड़े पैमाने पर मुर्गी पालन किया जा रहा है। प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी ने कहा कि पॉल्‍ट्री फार्म का भौतिक सत्यापन कर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

मेधा सॉफ्ट से हटाया जाएगा नाम 

अब सरकारी प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों से नामांकन रद्द विद्यार्थियों का नाम मेधा साॅफ्ट पोर्टल से भी हटाया जाएगा। इसको लेकर डीईओ को एक सप्ताह के अंदर ऐसे बच्चों को चिह्नित कर नाम भेजने का निर्देश दिया गया है, ताकि ऐसे बच्चों को तमाम सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित किया जा सके।

मेधा साॅफ्ट के माध्यम से स्कूली बच्चों को साइकिल, पोशाक, छात्रवृति, प्रोत्साहन राशि, सेनेटरी पैड आदि की राशि बच्चों के बैंक खाते में भेजी जाती है।

बीईओ उपलब्ध कराएंगे सूची प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी वित्तीय वर्ष 2023-24 में उनके प्रखंड क्षेत्र के विद्यालयों में नामांकन रद्द किए गए छात्र- छात्राओं की विद्यालयवार सूची योजना व लेखा संभाग के संचिका पदाधिकारी को उपलब्ध कराएंगे।

इससे कि मेधा साॅफ्ट पोर्टल पर यस या नो अंकित किया जा सके। लेखापाल धीरज कुमार ने बताया कि विभागीय निर्देश के आलोक में नामांकन रद छात्रों का नाम पोर्टल से हटाया जा रहा है, ताकि ऐसे बच्चों को उपलब्ध तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ से वंचित किया जा सके।

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