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ओवरब्रिज की मांग को लेकर रेल का किया गया चक्का जाम

सहरसा। शहर के बंगाली बाजार में रेल ओवरब्रिज बनाने की मांग को लेकर कोसी युवा संगठन ने पू

By JagranEdited By: Updated: Sun, 29 Dec 2019 06:49 PM (IST)
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ओवरब्रिज की मांग को लेकर रेल का किया गया चक्का जाम

सहरसा। शहर के बंगाली बाजार में रेल ओवरब्रिज बनाने की मांग को लेकर कोसी युवा संगठन ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत रविवार को आंदोलनकारियों ने बंगाली बाजार रेलवे ढाला पर मालगाड़ी ट्रेन को रोककर प्रदर्शन किया तथा रेल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कोसी युवा संगठन के संस्थापक सोहन झा उर्फ अमर कान्त वत्स के नेतृत्व में युवाओं ने शंटिग कर रहे मालगाड़ी को आगे बढ़ने नहीं दिया। बीच पटरी पर ही मालगाड़ी के आगे प्रदर्शनकारी प्रदर्शन करने लगे। मालगाड़ी को ढाला के समीप रोक दिया गया। इधर, बंगाली बाजार रेलवे ढाला पर ही प्रदर्शनकारी धरना की शक्ल में बैठ गए और अपनी मांग के समर्थन में नारेबाजी करने लगे। प्रदर्शनकारी स्थानीय जनप्रतिनिधियों के खिलाफ भी नारेबाजी करते रहे। रेल का चक्का जाम आंदोलन करने की घोषणा के बाद आरपीएफ ने एहतियात के तौर पर बंगाली बाजार रेलवे ढाला पर प्रभारी निरीक्षक एमएम रहमान के नेतृत्व में रेल सुरक्षा बल के जवान व अधिकारी मुस्तैद थे। हालांकि जिला प्रशासन ने भी विधि व्यवस्था को ले दंडाधिकारी सहित सशस्त्र पुलिस बलों की तैनाती कर दी थी। बंगाली बाजार रेलवे ढाला पर ही धरना देकर प्रदर्शन करने की सूचना मिलने पर सदर थानाध्यक्ष राजमणि सदल बल के साथ पहुंचे। वहीं एईएन मनोज कुमार ने भी प्रदर्शनस्थल पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को यह समझाने में लगे रहे कि यह काम बिहार राज्य पुल निर्माण निगम को करना है। रेल अपनी राशि बिहार सरकार को दे चुकी है। अब सिर्फ बिहार राज्य पुल निर्माण निगम ही इस पर रेल ओवरब्रिज बनाएगी। जिसके लिए नक्शा आदि बन चुका है। पुल निर्माण निगम ही अब इसका टेंडर आदि कराएगी। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व करते हुए सोहन झा ने रोषपूर्ण स्वर में कहा कि चार-चार बार रेलवे ने इस ओवरब्रिज का शिलान्यास करवा चुकी है। रेलवे ने इस ओवरब्रिज को मजाक बनाकर छोड़ दिया है। जब नहीं बनाना था तो शिलान्यास किस बात का? रेल जानबूझकर जनता को गुमराह करने में लगी हुई है। 25 वर्षों से ओवरब्रिज के नाम पर धोखा दिया जा रहा है। पुल निर्माण निगम ने ओवरब्रिज का नक्शा तैयार करके रेलवे को भेज दिया है और रेलवे ने इसे अबतक पास नहीं किया है। रेल ओवरब्रिज नहीं रहने के कारण हर रोज शहरवासी जाम में फंसते है और परेशान होते है। ढाला बंद रहने से हर हमेशा सड़क जाम की स्थिति बनी रहती है। अगर शीघ्र ही रेल ओवरब्रिज का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया तो आनेवाले दिनों में अनिश्चितकालीन समय के लिए सहरसा रेलवे को बंद कर दिया जाएगा। इसी बीच प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर आरपीएफ उसे अपने पोस्ट पर ले गयी। जिसे बाद में सबों को छोड़ दिया गया।

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