Move to Jagran APP

Income Tax: बिहार में धनकुबेर निकला पोल्ट्री व्यवसायी, घर से 30 लाख कैश बरामद, सौ करोड़ की संपत्ति का चला पता

आयकर विभाग ने समस्तीपुर में पोल्ट्री व्यवसायी के घर से 30 लाख रुपये बरामद किए हैं। इसके साथ ही उनके पास सौ करोड़ की संपत्ति का पता चला है। बताया जा रहा है कि व्यवसायी ने सबसे ज्यादा पैसा जमीन और सोने की खरीद में निवेश कर रखा है। इसके अलावा दरभंगा में एक अरब से अधिक का ट्रांजेक्शन मिला है।

By Edited By: Mukul KumarUpdated: Thu, 28 Sep 2023 09:52 AM (IST)
Hero Image
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
जागरण टीम, समस्तीपुर/दरभंगा : आयकर विभाग पटना टीम की समस्तीपुर के ताजपुर के कोठिया निवासी पोल्ट्री व्यवसायी प्रकाश अनुपम उर्फ दिलीप साह के पांच अलग-अलग ठिकानों पर बुधवार को तीसरे दिन भी छापेमारी जारी रही।

आयकर विभाग के सूत्रों के अनुसार करीब 30 लाख नकदी व सौ करोड़ की संपत्ति का पता चला है। सबसे ज्यादा निवेश जमीन में मिला है। सभी जमीन नकद खरीदी गई है। यह संपत्ति वैध कमाई की है या नहीं, इससे संबंधित कागजात व्यवसायी से मांगे गए हैं।

पिस्टल और कारतूस भी बरामद

पोल्ट्री व्यवसायी के मुसापुर स्थित किराए के मकान से एक पिस्टल, 10 कारतूस, 224 ग्राम सोने का आभूषण, करीब 16 लाख रुपये नकद, मोबाइल, लैपटॉप, कई बैंकों के पासबुक, वित्तीय लेन-देन से जुड़े दस्तावेज, कई जगहों पर जमीन और अन्य निवेश के दस्तावेज मिले हैं।

इसके अलावा कोठिया स्थित आवास, पोल्ट्री फार्म और कार्यालय में की गई छापेमारी में भी नकदी व सोना, समेत अवैध संपत्तियों से संबंधित कागजात मिले हैं। बताया जाता है कि मंगलवार की रात आयकर विभाग की टीम ने बरामद हथियार को स्थानीय मुफस्सिल पुलिस को जांच के लिए सुपुर्द कर दिया।

नहीं मिला व्यवसायी का मोबाइल 

बरामद हथियार व्यवसायी दिलीप साह का लाइसेंसी बताया जा रहा है। पत्नी के नाम से भी है कई दस्तावेज और निवेश सूत्रों की मानें तो व्यवसायी की पत्नी के नाम से भी कई वित्तीय लेन-देन और निवेश से संबंधित दस्तावेज मिले हैं। व्यवसायी का मोबाइल नहीं मिल पाया है।

बताया जाता है मोबाइल से भी वित्तीय लेन-देन समेत इससे जुड़े कई संपत्तियों के राज खुलेंगे। व्यवसायी पोल्ट्री फार्म, मुर्गी आहार सहित लेयर फार्मिंग का भी कारोबार करते हैं। ताजपुर कोठिया में दिव्य दृष्टि फीड प्राइवेट लिमिटेड और डीके मीडको नाम से दो अलग-अलग प्रतिष्ठान हैं।

बताया जाता है कि समस्तीपुर शहर में की जा रही जांच पूरी हो गई है और टीम वापस चली गई है। जबकि कोठिया में जांच चलती रही।

यह भी पढ़ें- दरभंगा के पशु आहार व्यवसायी समूह के 11 ठिकानों पर छापेमारी, मचा हड़कंप; निशाने पर और भी बिजनेसमैन 

अशोक कैटल फीड के ठिकानों से अब तक तीन करोड़ जब्त

दूसरी ओर, दरभंगा के अशोक कैटल फीड (पशु आहार) के समूह के विभिन्न ठिकानों पर भी छापेमारी जारी रही। इस दौरान समूह के तीनों भाई अशोक महनसरिया, आनंद महनसरिया और राज कुमार महनसरिया के गुल्लोवाड़ा बसंतगंज स्थित आवास से मिले रुपयों को गिनती की गई।

तीनों दिनों की कार्रवाई में तीन करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं। मंगलवार की रात तक दो करोड़ मिले थे। इनमें दो हजार के एक भी नोट नहीं मिले। राशि और बढ़ने की संभावना है। विभिन्न बैंकों की तीन शाखाओं के लाकर से प्राप्त एफडी और भारी मात्रा में मिले आभूषणों का वैल्यूएशन टीम पूरा नहीं कर पाई है।

वहीं, बैंक से पूरा स्टेटमेंट नहीं मिल पाया है। ऐसी स्थिति में दो दिनों तक पूरी टीम दरभंगा में कैंप कर सकती है। अब तक की कार्रवाई में विगत पांच वर्षों में एक अरब से अधिक के ट्रांजेक्शन के साक्ष्य मिले हैं। हालांकि, विभाग को अभी तक मात्र 60 से 70 प्रतिशत तक ही नकद लेन-देन के सबूत मिले हैं।

पहले दिन 11, दूसरे दिन 14 और तीसरे दिन 15 ठिकानों पर छापेमारी की गई। इसमें समूह के तीनों भाई के आवास, दोनार औद्योगिक क्षेत्र स्थित फैक्ट्री, गोदाम सहित विभिन्न जगहों पर सात कार्यालयों के अलावा गुवाहाटी और कोलकाता में एक-एक, पुणे में दो के अतिरिक्त दिल्ली में भी छापेमारी की गई।

बड़े पैमाने पर भूमि कारोबार में दरभंगा सहित देश के कई शहरों में निवेश की बात सामने आई है। आयकर विभाग के एक वरीय अधिकारी ने बताया कि कर चोरी संबंधी याचिका अप्रैल 2023 में विभाग के सर्च विंग, पटना को प्राप्त हुई थी।

यह भी पढ़ें- Income Tax: पशु आहार व्यवसायी समूह के कई ठिकानों से मिले लाखों के आभूषण और दो करोड़ कैश, बैंक से मंगाई गई मशीन 

पुरोहित व चालक के खाते में मिली राशि, हुई पूछताछ

अशोक कैटल फीड समूह मालिक के आवास पर दस्तावेजों को खंगालने के दौरान घर के पुरोहित और चालक के नाम से भी लाखों रुपये जमा करने के सबूत मिले हैं। दोनों से पूछताछ की गई।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।