बिहार के वासुकीनाथ को मिला साहित्य अकादमी पुरस्कार, CM नीतीश ने दी बधाई; पढ़िए किस भाषा और किस रचना के लिए मिला सम्मान?
Sahitya Akademi Award 2023 Winner Vasukinath Jha प्रसिद्ध मैथिली रचनाकार बासुकीनाथ झा को साल 2023 का साहित्य अकादमी पुरस्कार मिलने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रसन्नता व्यक्त की है और उन्हें शुभकामनाएं दीं। कहा कि यह बिहार का गौरव है। 83 वर्षीय डॉ. वासुकीनाथ झा अपनी विभिन्न साहित्यिक रचनाओं के लिए सरकारी एवं गैर सरकारी स्तर पर दर्जनों सम्मान प्राप्त कर चुके हैं।
जागरण संवाददाता, समस्तीपुर/पटना। इस साल का प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी पुरस्कार मैथिली में हसनपुर प्रखंड के पटसा निवासी साहित्यकार प्रोफेसर डॉ. वासुकीनाथ झा की किताब 'बोध-संकेतन' को देने की घोषणा की गई है। प्रसिद्ध मैथिली रचनाकार बासुकीनाथ झा को साल 2023 का साहित्य अकादमी पुरस्कार मिलने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रसन्नता व्यक्त की है और उन्हें शुभकामनाएं दीं।
83 वर्षीय डॉ. वासुकीनाथ झा अपनी विभिन्न साहित्यिक रचनाओं के लिए सरकारी एवं गैर सरकारी स्तर पर दर्जनों सम्मान प्राप्त कर चुके हैं।
मैथिली में विद्यापति काव्य लोचन ( शास्त्रीय समालोचना), अनुशीलन-अवबोध (समालोचनात्मक शोध व निबंध संग्रह), परिवह (आधुनिक समालोचनात्मक निबंध संग्रह), बोध संकेतन (विभिन्न लेखकों द्वारा लिखी गई पुस्तक की भूमिका संग्रह), वास्तुवाची संकेतन (साहित्यिक प्रवृत्तिमूलक निबंध संग्रह), व्यक्तिवाची संकेतन (व्यक्तित्व आधारित निबंध संग्रह), मैथिली साहित्यक रूपरेखा ( भाग एक और दो), उपन्यास और सामाजिक चेतना सहित कई किताबें लिख चुके हैं।
इनके लिए उन्हें राज्य सरकार की ओर से ग्रियर्सन पुरस्कार, हिंदी सम्मेलन में सहस्राब्दी सम्मान, विद्यापति सेवा संस्थान की ओर से मिथिला विभूति सम्मान, साहित्यकार संसद की ओर से राष्ट्रीय शिखर साहित्य सम्मान समेत कई सम्मान शामिल हैं।
नवोदित साहित्यकारों में होगा नवचेतना का संचार
डॉ. वासुकीनाथ झा की धर्मपत्नी एवं सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. सुनीती झा हर्ष व्यक्त करते हुए कहती हैं कि उनके पति की सालों की साहित्य साधना सफल हो गई। प्रत्येक साहित्यकार का सपना होता है कि साहित्य अकादमी जैसी देश की प्रतिष्ठित साहित्यिक सरकारी संस्था से पुरस्कृत हों।
बीआरबी कॉलेज के सेवानिवृत मैथिली विभागाध्यक्ष सह वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. नरेश कुमार विकल कहते हैं कि यह सम्मान सिर्फ वासुकी बाबू का नही बल्कि जिला का सम्मान है। वासुकी बाबू मेरे गुरु रहे हैं। उनसे मैंने पढ़ा है। उन्होंने कहा कि इस पुरस्कार से जिले के नवोदित साहित्यकारों में भी नवचेतना का संचार होगा।बीआरबी कालेज से सेवानिवृत संस्कृत विभागाध्यक्ष एवं विद्यापति परिषद के महासचिव डॉ. रमेश झा कहते हैं कि यह सम्मान पाकर समस्तीपुर जिला धन्य हो गया है। दो दशक बाद समस्तीपुर को यह सम्मान प्राप्त हुआ है।
परिषद के अध्यक्ष रामानंद झा ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि चालीस साल बाद मैथिली साहित्य के लिए समस्तीपुर के साहित्यकार को सम्मानित किया जाना, अपने आप में गौरव की बात है। वरिष्ठ साहित्यकार चांद मुसाफिर ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि समस्तीपुर की मिट्टी एक बार फिर साहित्य के क्षेत्र में अपना परचम राष्ट्रीय स्तर पर लहराने का काम किया है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।सीएम ने दी वासुकीनाथ झा को शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साहित्य अकादमी पुरस्कार मिलने पर बासुकीनाथ झा को बधाई दी है। सीएम ने कहा कि समस्तीपुर जिले के रहने वाले मैथिली साहित्यकार बासुकीनाथ झा को उनके मैथिली निबंध संग्रह बोध संकेतन के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है। मुख्यमंत्री ने अपने बधाई संदेश में कहा कि यह बिहार के लिए बेहद गौरव की बात है। बिहार के सपूत को मैथिली साहित्य में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिलना नयी पीढ़ी को प्रेरणा प्रदान करेगा। इस उपलब्धि पर संपूर्ण बिहारवासियों को गर्व है।