Bihar Land Survey 2024: जमीन सर्वे में कैथी लिपि की दिक्कत होगी छूमंतर! मदद के लिए सामने आया समस्तीपुर ये बेटा
बिहार में चल रहे भूमि सर्वेक्षण में सबसे बड़ी चुनौती कैथी लिपि को समझना है। अधिकांश जमीन के दस्तावेज इसी लिपि में हैं। समस्तीपुर के प्रीतम कुमार को कैथी लिपि सिखाने के लिए नियुक्त किया गया है। वे 17 से 19 सितंबर तक पश्चिम चंपारण के कर्मचारियों और पदाधिकारियों को प्रशिक्षण देंगे। प्रीतम कुमार बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के रिसर्च स्कॉलर हैं।
संवाद सहयोगी, विभूतिपुर (समस्तीपुर )। समस्तीपुर के मिश्रौलिया वार्ड चार निवासी राम नारायण महतो और रेशमा देवी के छोटे पुत्र प्रीतम कुमार बिहार को कैथी लिपि सिखाएंगे।
बिहार में चल रहे जमीन सर्वे के दौरान सबसे बड़ी दिक्कत कैथी लिपि को लेकर है। जमीन की अधिकतर दस्तावेज इसी लिपि में है।आजादी के बाद दस्तावेज का न तो दूसरी लिपि में लिप्यातंरण हुआ और न ही अमीन से लेकर बंदोबस्त पदाधिकारी की नियुक्ति में ही इस लिपि के ज्ञान को अनिवार्य रखा गया। नतीजा आज इस लिपि के जानकारों की संख्या बिहार में गिनने लायक बच गई है।
ऐसे में अब सरकार ने कर्मचारियों और पदाधिकारियों को इस लिपि से परिचित कराने के लिए प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है।बिहार राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के निदेशक जय सिंह ने पश्चिम चंपारण के बंदोबस्त पदाधिकारी को पत्र लिख कर इसकी जानकारी दी है।
छपरा के मोहम्मद वाकर भी होंगे साथ
निदेशालय की ओर से निर्गत पत्र में सर्वेक्षण के दौरान कैथी में लिखे खतियान पढ़ने में आ रही दिक्कत का जिक्र करते हुए जिला स्तरीय प्रशिक्षण की बात कही है।
पत्र में कहा गया है कि कैथी लिपि के प्रशिक्षण के लिए सरकार ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के रिसर्च स्कालर प्रीतम कुमार और छपरा के मोहम्मद वाकर को नियुक्त किया है।दोनों 17 से 19 सितंबर तक बंदोबस्त कार्यालय पश्चिम चंपारण के सभी कर्मचारियों व पदाधिकारियों को कैथी लिपि का प्रशिक्षण देंगे।प्रशिक्षण में जमीन सर्वे से जुड़े तमाम लोगों को अनिवार्य रूप से शामिल होने को कहा गया है। प्रशिक्षण के दौरान कैथी लिपि के मगध, मिथिला और चंपारण की विविधताओं की भी जानकारी दी जाएगी।
इस प्रशिक्षण शिविर के लिए सभागार और अन्य आवश्यक सुविधा की व्यवस्था जिला मुख्यालय की ओर से की जाएगी। प्रशिक्षकों को कक्षावार मानदेय का भुगतान किया जाएगा।
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