Bihar Rain Forecast: बिहार में बदलने वाला है मौसम का मिजाज, इन जिलों में बारिश की संभावना
डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. ए सत्तार ने दो जून तक के लिए मौसम पूर्वानुमान जारी किया है। पूर्वी चंपारण पश्चिमी चंपारण एवं सीतामढ़ी में 30 मई के बाद ही वर्षा की संभावना बन सकती है। इस अवधि में अधिकतम तापमान 38 से 41 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। जबकि न्यूनतम तापमान 25 से 28 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रह सकता है।
जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। Bihar Barish Kab Hogi उत्तर बिहार के जिलों में अगले तीन दिनों तक मध्यम हीट वेव की स्थिति बनी रहने की संभावना है। आसमान में हल्के बादल छाए रह सकते हैं। 31 मई तक ज्यादातर स्थानों में मौसम के आमतौर पर शुष्क रहने की संभावना है। 1 व 2 जून के आस-पास मैदानी भागों के जिलों में कहीं-कहीं हल्की वर्षा या बूंदाबांदी होने का अनुमान है।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. ए सत्तार ने दो जून तक के लिए मौसम पूर्वानुमान जारी किया है। पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण एवं सीतामढ़ी में 30 मई के बाद ही वर्षा की संभावना बन सकती है। इस अवधि में अधिकतम तापमान 38 से 41 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। जबकि, न्यूनतम तापमान 25 से 28 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रह सकता है।
सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 75 से 85 प्रतिशत तथा दोपहर में 55 से 60 प्रतिशत रहने की संभावना है। पूर्वानुमानित अवधि में औसतन 18 से 20 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पुरवा हवा चलने का अनुमान है।
पिछले तीन दिनों की अवधि में शुष्क रहा मौसम
मौसमीय वेधशाला पूसा के आकलन के अनुसार, पिछले तीन दिनों का औसत अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमशः 36.5 एवं 27.2 डिग्री सेल्सियस रहा। औसत सापेक्ष आर्द्रता 82 प्रतिशत सुबह में एवं दोपहर में 63 प्रतिशत, हवा की औसत गति 12.8 किमी प्रति घंटा एवं दैनिक वाष्पन 6.3 मिमी तथा सूर्य प्रकाश अवधि औसतन 10.7 घंटा प्रति दिन रिकॉर्ड किया गया।
इसके अलावा 5 सेमी की गहराई पर भूमि का औसत तापमान सुबह में 31.0 एवं दोपहर में 37.0 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। इस अवधि में मौसम शुष्क रहा।
मूंग व उरद की तैयार फसलों की करें तुड़ाई
मौसम विभाग के अनुसार अगले दो से तीन दिनों के दौरान किसान भाई मूंग एवं उरद की तैयार फसलों की तुड़ाई, रबी मक्का की दौनी एवं दाने सुखाने का कार्य संपन्न कर सकते हैं। एक से दो जून के आसपास कहीं-कहीं हल्की वर्षा की संभावना को देखते हुए कृषि कार्यों में सतर्कता बरतें। हल्दी एवं अदरक की बुआई कर सकते हैं।
हल्दी की राजेंद्र सोनिया, राजेंद्र सोनाली किस्में एवं अदरक की मरान एवं नदिया किस्में उत्तर बिहार के लिए अनुशंसित हैं। खरीफ प्याज की खेती के लिए नर्सरी (बीज स्थली) की तैयारी करें। स्वस्थ पौध के लिए नर्सरी में गोबर की खाद डालें। छोटी-छोटी उथली क्यारियों, जिसकी चैड़ाई एक मीटर एवं लंबाई सुविधानुसार रखें।खरीफ प्याज के लिए एन-53, एग्रीफाउंड र्डाक रेड, अर्का कल्याण, भीमा सुपर किस्में अनुशंसित है। बीज गिराने के पूर्व बीजोपचार कर लें। बीज की दर 8-10 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रखें। बीज प्रमाणित स्त्रोत से खरीदकर ही लगाना चाहिए।
ये भी पढ़ें- Bihar RERA Rules: रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी का आदेश न मानने वाले प्रमोटरों की संपत्ति होगी जब्त, जाएंगे जेलये भी पढ़ें- PM Jeevan Jyoti Bima Yojana: बीमा रिन्यूअल को लेकर आ गया बड़ा अपडेट, 31 मई से पहले करना होगा ये काम
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।