Move to Jagran APP

भारत और नेपाल के बीच ट्रेन परिचालन का रास्ता साफ, 2 से परिचालन संभव

समस्तीपुर। भारत और नेपाल के बीच जल्द ही पटरी पर ट्रेन दौड़ने लगेगी। समस्तीपुर रेल मंडल के जयनगर से ट्रेन लाइन नेपाल से जोड़ी जा चुकी है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 Mar 2022 11:50 PM (IST)Updated: Wed, 30 Mar 2022 11:51 PM (IST)
भारत और नेपाल के बीच ट्रेन परिचालन का रास्ता साफ, 2 से परिचालन संभव

समस्तीपुर। भारत और नेपाल के बीच जल्द ही पटरी पर ट्रेन दौड़ने लगेगी। समस्तीपुर रेल मंडल के जयनगर से ट्रेन लाइन नेपाल से जोड़ी जा चुकी है। लगभग 619 करोड़ रुपये लागत से भारत-नेपाल मैत्री रेल परियोजना के तहत पहले चरण का काम पूरा कर लिया गया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउवा द्वारा आगामी 2 अप्रैल को नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के माध्यम से नव आमान परिवर्तित जयनगर-जनकपुर-कुर्था रेल लाईन पर यात्री रेल सेवा का परिचालन बहाल किए जाने की संभावना है। विदित हो कि भारत और नेपाल के बीच निर्माणाधीन जयनगर-बिजलपुरा-बर्दीबास रेल परियोजना के प्रथम चरण में जयनगर-जनकपुर-कुर्था रेलखंड जयनगर-बिजलपुरा-बर्दीबास 1 / 469.08 किलोमीटर 1 / 2 रेल परियोजना का एक भाग है। इसको लेकर पूर्व में समस्तीपुर मंडल के जयनगर और नेपाल के कुर्था के बीच ट्रैक पर ट्रेन का स्पीड ट्रायल हुआ था। दोनों स्टेशनों के बीच करीब 34.50 किलोमीटर लंबे नव-आमान परिवर्तित रेलखंड पर लोकोमोटिव इंजन द्वारा 110 किमी प्रतिघंटा की गति से सफलतापूर्वक स्पीड ट्रायल किया गया था। उम्मीद जताई जा रही है कि इस रेलखंड पर दो अप्रैल से ट्रेन सेवाएं शुरू होंगी। बता दें कि वर्ष 2014 से जयनगर- जनकपुर के बीच ट्रेनों का परिचालन बंद है। परिचालन फिर से शुरू होने की संभावना से सीमावर्ती भारत और नेपाल क्षेत्र के लोगों में इसको लेकर उत्साह है। भारतीय नागरिकों को यात्रा के दौरान फोटो पहचान पत्र रखना किया गया अनिवार्य :

भारत और नेपाल के बीच ट्रेन से यात्रा करने वाले भारतीय नागरिकों को यात्रा के दौरान फोटो पहचान पत्र रखना अनिवार्य किया गया है। रेल सेवा प्रारंभ होने की स्थिति में भारत और नेपाल के बीच ट्रेन से यात्रा करने वाले भारतीय नागरिकों के लिए यात्रा के दौरान निर्धारित पहचान पत्रों में से कोई एक फोटो युक्त पहचान पत्र मूल रूप में रखना अनिवार्य किया गया है। वैध राष्ट्रीय पासपोर्ट, भारत सरकार, राज्य सरकार, केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए जारी किये गये फोटोयुक्त पहचान पत्र, भारतीय चुनाव आयोग द्वारा जारी फोटो पहचान पत्र, नेपाल स्थित भारतीय दूतावास, भारतीय महावाणिज्य दूतावास द्वारा जारी किये गये इमरजेंसी सर्टिफिकेट रखना होगा। इसके अलावा 65 वर्ष से अधिक और 15 वर्ष से कम आयु वर्ग के व्यक्तियों के पास उनकी उम्र और पहचान की पुष्टि के लिए फोटोयुक्त दस्तावजे जैसे - पैन कार्ड, ड्राइविग लाइसेंस, सीजीएचएस कार्ड, राशन कार्ड इत्यादि होने चाहिए। एक परिवार के मामले में, किसी एक वयस्क के पास उपर्युक्त वर्णित कोई एक दस्तावजे हो, तो अन्य सदस्यों को परिवार से उनके संबंध दर्शाने वाले फोटो युक्त पहचान पत्र जैसे सीजीएचएस कार्ड, राशन कार्ड, ड्राइविग लाइसेंस, स्कूल व कॉलेज द्वारा जारी आईडी कार्ड इत्यादि हो तो उन्हें यात्रा करने की अनुमति दी जा सकती है। भारत-नेपाल मैत्री रेल परियोजना :

भारत-नेपाल मैत्री रेल परियोजना के तहत 619 करोड़ की अनुमानित लागत से कुल 69.08 किलोमीटर लंबी जयनगर-बिजलपुरा-बर्दीबास रेल परियोजना पर काम किया गया है। पहले चरण में 34.50 किलोमीटर लंबा जयनगर-कुर्था (नेपाल) रेलखंड इसी प्रोजेक्ट का हिस्सा है। प्रोजेक्ट के पहले चरण में समस्तीपुर रेल मंडल के जयनगर स्टेशन को नेपाल के कुर्था से जोड़ा गया है। भविष्य में इसका विस्तार कुर्था से लगभग 18 किलोमीटर आगे बीजलपुरा तक किया जाएगा। सात साल से बंद है ट्रेन परिचालन :

जयनगर से नेपाल के जनकपुर तक वर्ष 2014 तक नेपाली ट्रेनों का परिचालन होता रहा है। यह रेल सेवा दोनों देश के लोगों की लाइफलाइन मानी जाती है। भारत सरकार ने वर्ष 2010 में मैत्री योजना के तहत जयनगर से नेपाल के वर्दीवास तक 69.5 किलोमीटर की दूरी में नैरो गेज को मीटर गेज में बदलने यानी छोटी लाइन को बड़ी लाइन में बदलने और नई रेल लाइन बिछाने के लिए 548 करोड़ रुपये बजट की स्वीकृति दी थी।

वर्जन

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउवा द्वारा 2 अप्रैल को नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के माध्यम से नव आमान परिवर्तित जयनगर-जनकपुर-कुर्था रेल लाईन पर यात्री रेल सेवा का परिचालन पुनर्बहाल किए जाने की संभावना है । भारत और नेपाल के बीच ट्रेन से यात्रा करने वाले भारतीय नागरिकों को यात्रा के दौरान फोटो पहचान पत्र रखना अनिवार्य किया गया है।

आलोक अग्रवाल

मंडल रेल प्रबंधक, समस्तीपुर।


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.