समस्तीपुर जिले के बाढ़ प्रभावित किसानों को राहत मिलेगी। कृषि इनपुट अनुदान योजना के तहत फसल नष्ट होने वाले किसानों को लाभ मिलेगा। कृषि विभाग ने बाढ़ से हुई फसल क्षति का आकलन कर लिया है और ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं। लगभग 5000 हेक्टेयर में फसल का नुकसान हुआ है। किसानों को प्रति हेक्टेयर 17000 से 8500 रुपये का अनुदान मिलेगा।
जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। समस्तीपुर जिले के बाढ़ प्रभावित इलाके के किसानों को अब राहत मिलने वाली है। जिन किसानों का फसल नष्ट हो गया है, उन्हें कृषि इनपुट अनुदान योजना का लाभ मिलेगा। कृषि विभाग ने बाढ़ से फसल की क्षति का आकलन कर रिपोर्ट मुख्यालय को पूर्व में भेज दिया था।
मक्का, धान, दलहन, तिलहन, उड़द, बाजरा, रागी और सब्जी जैसी फसलों का ज्यादा नुकसान पहुंचा है। इसके लिए सरकार ने फसल क्षति लागत अनुदान देने का निर्णय किया है। कृषि विभाग ने किसानों से आनलाइन आवेदन मांगा है। आवेदन पोर्टल का विंडो भी खोल दिया गया है।
इसमें सोमवार तक 69 किसानों ने आवेदन किया है। अभी तक के आकलन के अनुसार, लगभग पांच हजार से अधिक हेक्टेयर में फसल का नुकसान हुआ है। हालांकि, यह आंकड़ा अधिकृत नहीं है, क्योंकि जिलों से अभी तक पंचायतवार डाटा नहीं भेजा गया है।
फिर भी 33 प्रतिशत क्षतिपूर्ति के लिए तत्काल कृषि विभाग की ओर से अनुदान भुगतान के लिए राशि का प्रविधान किया गया है। इसमें सिंचित क्षेत्र के किसानों को प्रति हेक्टेयर 17 हजार एवं असिंचित क्षेत्र में प्रति हेक्टेयर 8500 रुपये के गणित राशि भुगतान की तैयारी की जा रही है।
अंतिम रूप से आवेदन प्राप्त होने के बाद कृषि विभाग के समन्वयक से जांच कराएगा। इस रिपोर्ट के आधार पर एडीएम (आपदा) अनुदान की अनुशंसा करेंगे। इसके बाद किसानों के बैंक खाते में अनुदान का भुगतान किया जाएगा।
आवेदन के लिए पंजीकरण संख्या का करना होगा उपयोग
अनुदान प्राप्त करने के लिए किसानों को आनलाइन आवेदन करना है। कृषि विभाग की वेबसाइट पर इसकी सुविधा मिल रही है। इसमें आवेदन करने पर 13 अंक के पंजीकरण संख्या का उपयोग करना है। साथ ही किसी तरह की समस्या होने पर टॉल फ्री नंबर 18001801551 जारी किया गया है।
बाढ़ प्रभावित तीन प्रखंड के 5800 हेक्टेयर में लगी फसल बर्बाद
13741.35 हेक्टेयर में लगी फसल बाढ़ से प्रभावित है। 5793.17 हेक्टेयर में लगी फसल बर्बाद हो चुकी है। यह आंकड़ा आने वाले समय में और भी बढ़ सकता है। कृषि विभाग बाढ़ का पानी निकलने के बाद फिर से फसल की क्षति का आकलन करेगा और दोबारा रिपोर्ट मुख्यालय भेजेगा।
जिस रकबा में लगी फसल 33 प्रतिशत तक बर्बाद हो गई होगी उस रकवा के मालिक को फसल मुआवजा मिलेगा। सबसे अधिक फसल का नुकसान मोहिउद्दीनगर प्रखंड में हुआ है।
बाढ़ से तीन प्रखंडों की 34 पंचायतों में लगी फसल को नुकसान पहुंचा है। इसमें मोहिउद्दीनगर प्रखंड में सबसे अधिक 15 पंचायत शामिल है। जबकि, मोहनपुर में 11 व विद्यापतिनगर में 8 पंचायत शामिल है।
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