Bijli Bill: सरकारी विभागों पर बिजली बिल का भारी बोझ, बकाया जानकर चकरा जाएगा माथा
एक तरफ बिहार के सभी घरों में स्मार्ट मीटर लगाने को लेकर बिजली विभाग तत्पर है। इसको लेकर बड़े स्तर पर विरोध भी देखने को मिल रहा है। वहीं दूसरी बिजली विभाग की तरफ से एक चौंका देने वाली रिपोर्ट सामने आई है। बताया जा रहा कि बिहार के कई सरकारी विभागों के पास करोड़ों का बिजली बिल बकाया है।
जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। जिले के सरकारी विभागों पर बिजली बिल का बकाया बढ़ता जा रहा है, जिससे बिजली विभाग पर वित्तीय दबाव बढ़ रहा है। आमतौर पर बिजली बिल बकाए के मामले में बिजली विभाग आम उपभोक्ताओं के खिलाफ सख्त रवैया अपनाता है।
बकाया राशि की वसूली के लिए नोटिस से लेकर कई तरह के कठोर कदम उठाए जाते हैं लेकिन, जिले के कई सरकारी विभागों पर यही सख्ती काम नहीं आ रहस है। इससे बकाया बिजली बिल की समस्या विकराल रूप लेती जा रही है।
बिजली विभाग ने शहर के 26 हजार उपभोक्ताओं के यहां तेजी से प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए हैं लेकिन, सरकारी कार्यालयों में इस काम की रफ्तार धीमी पड़ गई है। शहरी क्षेत्र के 154 सरकारी कार्यालयों में से अभी तक केवल 93 कार्यालयों में ही प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जा सके हैं।
विभागीय आंकड़ों के अनुसार जिले के विभिन्न सरकारी विभागों पर 12 करोड़ 50 लाख रुपये से अधिक का बिजली बिल बकाया है।
इन विभागों पर इतना बकाया
बकाएदारों की सूची में सबसे ऊपर पंचायती राज (नल-जल) विभाग है। उसपर 3 करोड़ 39 लाख रुपये से अधिक का बिजली बिल बकाया है। नगरपालिका पर 1 करोड़ 87 लाख, लोक स्वास्थ्य प्रमंडल पर 1 करोड़ 63 लाख, शिक्षा विभाग पर 1 करोड़ 13 लाख, और स्वास्थ्य विभाग पर 33 लाख रुपये का बकाया है।इनके अलावा, पशुपालन विभाग, पथ निर्माण विभाग, सामान्य प्रशासनिक विभाग, पूसा यूनिवर्सिटी, जिला परिषद कार्यालय, भवन निर्माण विभाग, डीटीओ कार्यालय सहित कई अन्य सरकारी भवनों का बिजली बिल करोड़ों में है।
समस्तीपुर विद्युत प्रमंडल के सहायक अभियंता (राजस्व) अनुराधा कुमारी ने बताया कि इन विभागों को बकाया बिल भेजा जा चुका है और जल्द से जल्द भुगतान करने के लिए कहा गया है।यह भी पढ़ें-Smart Meters ने किया उपभोक्ताओं की नाक में दम, बिलिंग सर्वर से नहीं जोड़े; काटने पड़ रहे बिजली विभाग के चक्कर
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