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KK Pathak के शिक्षा विभाग की नई पहल, अब बच्चों की पढ़ाई आसान बनाने के लिए किया जाएगा ये काम

केके पाठक ने जब से शिक्षा विभाग का कमान संभाला तब से स्कूलों में ढेरों बदलाव देखने को मिले हैं। वहीं शिक्षक भी अब पूरी तरह से नियमित हो गए हैं। शिक्षा विभाग ने बच्चों की समस्याओं को जानने और उनको दूर करने के लिए नई पहल की है। इसमें बच्चों को घर से स्कूल जाने और लौटने के दौरान होने वाले खतरों से बचाव का तरीका बताया जाएगा।

By Prakash Kumar Edited By: Mukul KumarUpdated: Mon, 26 Feb 2024 02:54 PM (IST)
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बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक
जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। शिक्षा विभाग ने बच्चों की समस्याओं को जानने और उनको दूर करने के लिए नई पहल की है। इसमें बच्चों को घर से स्कूल जाने और लौटने के दौरान होने वाले खतरों से बचाव का तरीका बताया जाएगा। लड़कियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

स्कूली स्तर पर बच्चों से स्कूल आने और वापस घर लौटने के दौरान होने वाली परेशानी के बारे में जानकारी लेगा। फिर उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक ने पत्र जारी कर आदेश दिया है।

स्कूली बच्चों के साथ अप्रिय घटना का शिकार होने से बचाने के लिए यह पहल की गई है। इस पहल का नाम एच टू एच यानी खतरों से बचाव होगी। इसमें विद्यालय के सभी वर्गों के बच्चों को सम्मिलित किया जाएगा।

विद्यालयों में बनेंगे समूह, बच्चे देंगे फीडबैक

प्रत्येक विद्यालय में 10 से 15 बच्चों का समूह बनाया जाएगा। उनसे यह फीडबैक लिया जाएगा कि उन्हें स्कूल आने में किस तरह की परेशानी होती है। प्रत्येक 15 दिन पर छात्रों का समूह बदल जाएगा, ताकि सभी इसमें शामिल हो सके। बच्चों को रास्ते में होने वाली परेशानियों को शिक्षक चिन्ह्त करेंगे, फिर इसका समाधान करेंगे।

शिक्षक-अभिभावक गोष्ठी में छात्रों की समस्याओं पर चर्चा की जाएगी। फिर उन परेशानियों को दूर करने की दिशा में पहल किए जाएंगेँ। इस अभियान में विद्यालय के आसपास के जनप्रतिनिधि और पुलिस पदाधिकारी को भी शामिल करने का निर्देश दिया गया है। अभिभावकों को भी जागरूक किया जाएगा।

प्रत्येक वर्ग से दो छात्र बनेंगे बाल प्रेरक

बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के अनुसार प्रत्येक कक्षा से दो बच्चों को बाल प्रेरक बनाया जाएगा। साथ ही बच्चों को सुरक्षित शनिवार के तहत अब जीवन रक्षा जैसे सीपीआर देना और हार्ट अटैक आने पर क्या करना है, लड़कियों को आत्मरक्षा, गुड टच बैड टच आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी। प्रत्येक विद्यालय के नोडल शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाना है।

जिले के सभी स्कूलों में इसे लागू किया जा रहा है। इसकी मानिटरिंग भी होगी। बच्चों की परेशानी समझ कर उन्हें दूर करने में शिक्षा विभाग हर संभव मदद करेगा।- मानवेंद्र कुमार राय, डीपीओ, प्राथमिक एवं सर्व शिक्षा अभियान समस्तीपुर

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