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पुलिस हिरासत में मौत: टूना झा से पहले भी तीन की गई जान; अधिकारियों पर गाज भी गिरी-मुआवजा भरा, लेकिन...

समस्‍तीपुर जिले के मुसरीघरारी थाने में पुलिस हिरासत में हाल ही में टूना झा नाम के व्‍यक्ति की मौत हो गई। यह पहली घटना नहीं है इससे पहले भी यहां इस तरह की तीन घटनाएं हो चुकी हैं। इसके बावजूद पुलिस प्रशासन की लापरवाही कम होने का नाम नहीं ले रही है। टूना झा की मौत के मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

By Mukesh Kumar Edited By: Deepti Mishra Updated: Thu, 08 Feb 2024 04:15 PM (IST)
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पुलिस हिरासत में टूना झा की मौत मामले में अभी तक नहीं हुई कोई कार्रवाई। फोटो- प्रतीकात्‍मक
जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। जिले के मुसरीघरारी थाना पुलिस की अभिरक्षा में टूना झा की मौत कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी यहां इस तरह की तीन घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें कार्रवाई भी हुई। इसके बावजूद यह चौथी घटना घटी है। इस घटना में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पुलिस और पीड़ित दोनों का बयान अलग-अलग है। पीड़ित परिवार जहां पुलिस पर पिटाई का आरोप लगा रहा है तो वहीं पुलिस टूना झा की मौत को सामान्‍य मौत बता रही है।

आरोपी ने फांसी लगाकर ली थी खुदकुशी

इस मामले से दो साल पहले 28 जुलाई 2022 की रात दलसिंहसराय थाना के वितंतु संवाद कक्ष में बंद एक युवक ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। मृतक की पहचान मुफ्फसिल थाना के हकीमाबाद खराज निवासी मोहम्मद अशफाक का 30 वर्षीय पुत्र मो गुलाब था। डीएसपी ने अपनी जांच रिपोर्ट में थानाध्यक्ष की लापरवाही को कारण बताया था। इस जांच रिपोर्ट को थानाध्यक्ष ने वरीय अधिकारी के समक्ष निराधार बताते हुए पुन: जांच कराने की मांग की थी। न्यायालय के निर्देश पर मामले में न्यायिक जांच की बात कही गई थी।

मृतक मोहम्‍मद गुलाब की पत्नी गुलाफासा प्रवीण और ससुराल वालों की शिकायत पर 28 जुलाई 2022 को दलसिंहसराय थाना पहुंचे, जहां उसे पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था। देर रात तक मामला नहीं सुलझाने पर पुलिस ने उसे थाना हाजत की जगह वितंतु संवाद कक्ष में बिना किसी निगरानी के बंद कर दिया। जहां देर रात उसने खिड़की की ग्रिल पर फांसी लगाकर जान दे दी थी।

उजियारपुर थाना:  असम की महिला ने की थी खुदकुशी

असम की एक महिला ने 17 फरवरी 2022 को थाना हाजत में ही पुलिस अभिरक्षा में गले मे फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में तत्कालीन थानाध्यक्ष विश्वजीत कुमार को निलंबित कर दिया गया था। थानाध्यक्ष के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई चल रही है।

मृतक असम राज्य के चरादेव जिले की धनीपथार की रहने वाली 30 वर्षीय डाली उरांग थी। 16 फरवरी को वह अवध असम एक्सप्रेस ट्रेन से कूद गई थी। इसके बाद उसे महिला बैरक के बगल वाले कमरे में रखा गया था। वहीं उसने देर शाम फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।

सात साल पहले भी हुई थी एक कैदी की मौत

साल 2015 में रोसड़ा उपकारा के बंदी परमानंद मंडल की मौत पीएमसीएच में इलाज के दौरान हो गई थी। बंदी मुंगेर जिले के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के हसनपुर का रहने वाला था। उसे विभूतिपुर थाने से चोरी के मामले में गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इसकी जांच करते हुए अधिकारी समेत चार पुलिसकर्मियों से पांच लाख रुपये वसूले जाने का आदेश दिया था। आदेश में ड्यूटी पर तैनात चारों पुलिसकर्मियों से समानुपातिक ढंग से रुपये वसूल कर मृतक बंदी के निकटतम स्वजन को मुआवजे का भुगतान करने का आदेश था।

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