अब केवल हाल मार्क वाले आभूषणों की ही होगी बिक्री
जिले में अब हॉल मार्क वाले आभूषणों की बिक्री अनिवार्य कर दी गई है। सरकार द्वारा जारी निर्देश के बाद जिले के अधिकांश ज्वेलरी दुकानों में हॉल मार्क वाले आभूषणों की बिक्री भी हो रही है। ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाने तथा सोना के गुणवत्ता में पूर्ण पारदर्शिता के लिए इसे अनिवार्य किया गया है।
By JagranEdited By: Updated: Wed, 04 May 2022 12:39 AM (IST)
समस्तीपुर । जिले में अब हॉल मार्क वाले आभूषणों की बिक्री अनिवार्य कर दी गई है। सरकार द्वारा जारी निर्देश के बाद जिले के अधिकांश ज्वेलरी दुकानों में हॉल मार्क वाले आभूषणों की बिक्री भी हो रही है। ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाने तथा सोना के गुणवत्ता में पूर्ण पारदर्शिता के लिए इसे अनिवार्य किया गया है। हॉल मार्क सिस्टम को अपनाने से अब दुकानदार परहेज नहीं कर रहे हैं। दुकानदार भी 916/22 कैरेट अथवा 750/18 कैरेट के ही जेवरात बेच रहे हैं।
हॉल मार्किंग सोने की एक गुणवत्ता प्रमाण पत्र है। शुद्धता में गड़बड़ी को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने 23 जून 2021 से ही जेवरात पर हॉल मार्किंग अनिवार्य कर दिया था। हॉल मार्क आभूषण बिक्री के लिए देश के 256 जिलों में समस्तीपुर को भी शामिल किया गया था। शुद्धता की जांच कर प्रमाण पत्र निर्गत करने के लिए जिला के रोसड़ा में एक हॉल मार्क सेंटर भी स्थापित की गई। डीएन हॉल मार्किंग के नाम से स्थित उक्त सेंटर से ही सोना के शुद्धता का प्रमाण पत्र देने की व्यवस्था है। कई दशकों से स्वर्ण आभूषण के लिए प्रसिद्ध रोसड़ा के सर्राफा बाजार मे कई प्रसिद्ध स्वर्ण व्यवसायी पूर्व से ही हॉल मार्क लगे मोहर के जेवरात बेच रहे थे। अब केन्द्र स्थापित होने के बाद से शत प्रतिशत दुकानों में हॉल मार्क का मोहर लगे आभूषणों की ही बिक्री होती है। बीआईएस द्वारा जारी एचयूआईडी नंबर है शुद्धता की पहचान स्वर्ण आभूषणों पर लगे 6 अंकों का एचयूआईडी नंबर ही उसके हॉल मार्क एवं पूर्ण शुद्धता का परिचायक है।भारत मानक ब्यूरो द्वारा जारी उक्त नंबर को बीआईएस के ऐप पर भी डाल कर सरल तरीके से लोग अपने स्वर्ण आभूषण की शुद्धता की जांच कर सकते हैं। हॉलमार्क सेंटर पर जेवरात के पीछे 916 के साथ 6 अंक का उक्त आईडी का भी मुहर लगा होता है। आईडी को ऐप पर डालते ही संबंधित हॉलमार्क सेंटर एवं प्रतिष्ठान का भी नाम भी स्वत: मोबाइल पर दिखने लगता है। यदि बगैर शुद्धता के मुहर लगाया गया हो तो ऐप के माध्यम से गड़बड़ी की पोल भी खुल जाती है। हॉल मार्किंग से ग्राहकों को फायदा ही फायदा स्वर्ण आभूषण पर हॉल मार्क सिस्टम लागू होने से ग्राहकों का जेब अब कटने से बच जाता है। पूर्व में व्यवसायियों द्वारा शुद्ध सोना कह कर दिया गया आभूषण भी कहीं-कहीं 60 से 70 प्रतिशत ही निकल पाता था। गांव घर में एक प्रचलित कहावत है - ''सोना स्वर्णकार का''। आज भी बुजुर्ग महिलाओं की मानें तो तीन से चार बार यदि स्वर्ण आभूषण को तोड़कर बनाया जाता था तो पूरा सोना ही साफ हो जाता था। हॉल मार्क के आने से अब यह स्थिति नहीं हो सकती है। हॉल मार्क सिस्टम लागू होने के बाद से शत प्रतिशत सोने की कीमत मिलना निश्चित है।
घंटों प्रक्रिया से गुजरने के बाद लगता है शुद्धता का मुहर हॉल मार्क एवं एचयूआईडी नंबर के लिए दुकानदार द्वारा निर्मित आभूषण को कई प्रक्रिया से गुजारना पड़ता है। रोसड़ा स्थित डीएन हॉल मार्किंग के सीईओ धीरज कुमार ने बताया कि गोल्ड स्कोप मशीन से चेक करने के बाद लेबोरेट्री में मिल्टिग मशीन, कैप्सलेशन सिस्टम एवं एनीलिग के साथ-साथ पार्टिंग एसिड वन एवं एसिड टू के पश्चात ड्राइकनेक्ट मशीन का उपयोग किया जाता है। सोना की शुद्धता के आधार पर भारत मानक ब्यूरो द्वारा एचयूआईडी नंबर जारी की जाती है। जिसे आभूषण पर दर्शाया जाता है। एक बार में कम से कम 10 आभूषण की प्रक्रिया की जाती है। ऐसे पहचानें हॉलमार्क हॉलमार्किंग में किसी उत्पाद को तय मापदंडों पर प्रमाणित किया जाता है। बीआईएस वह संस्था है, जो उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराए जा रहे गुणवत्ता स्तर की जांच करती है। अगर सोना-चांदी हॉलमार्क है तो इसका मतलब है कि उसकी शुद्धता प्रमाणित है। हॉलमार्क पर भारतीय मानक ब्यूरो का तिकोना निशान होता है। उस पर हॉलमार्किंग सेंटर के लोगो के साथ सोने की शुद्धता भी लिखी होती है। उसी में ज्वेलरी निर्माण का वर्ष और उत्पादक का लोगो भी होता है। हॉलमार्क की पांच पहचान
- असली हॉलमार्क पर बीआईएस का तिकोना निशान होता है - उस पर हॉलमार्किंग केन्द्र का लोगो होता है - सोने की शुद्धता व ज्वेलरी निर्माण का वर्ष भी लिखी होती है - उत्पादक का लोगो भी होता है ऐसे करें शुद्धता की पहचान 24 कैरेट शुद्ध सोने पर 999 लिखा होता है 22 कैरेट की ज्वेलरी पर 916 लिखा होता है 21 कैरेट सोने की पहचान 875 लिखा होना 18 कैरेट की ज्वेलरी पर 750 लिखा होता है 14 कैरट ज्वेलरी पर 585 लिखा होता है '' हॉल मार्क एचयूआईडी सिस्टम ग्राहकों को शुद्ध सोना खरीदने की सर्वोत्तम व्यवस्था है। रोसड़ा में सभी सर्राफा व्यवसायी इस सिस्टम को अपना चुके हैं। प्रतिष्ठान पर आने वाले ग्राहकों एवं आम लोगों को भी शुद्धता की जांच के लिए मोबाइल ऐप की विस्तृत जानकारी जी दी जा रही है। लेकिन आभूषण पर गलत हॉल मार्किंग की भी चर्चा हो रही है। ऐसे गलत कार्यों पर रोक लगाने की आवश्यकता है। मनोज कुमार ठाकुर ,सचिव, सर्राफा व्यवसायी संघ रोसड़ा
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