Bihar: 'सॉरी मम्मी... हार गई भइया', सुसाइड नोट लिख फंदे पर झूल गई डायल 112 की ड्यूटी पर तैनात महिला पुलिस
समस्तीपुर में डायल 112 के कंट्रोल रूम में ड्यूटी पर तैनात महिला पुलिसकर्मी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की जानकारी जब अन्य पुलिसकर्मियों को मिली तो हड़कंप मच गया। आनन-फानन में महिला को फंदे से नीचे उतारा और अस्पताल में इलाज के लिए ले गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
By Ankur KumarEdited By: Shashank ShekharUpdated: Thu, 14 Sep 2023 05:27 PM (IST)
जागरण संवाददाता, समस्तीपुर: नगर थाना के वितंतु कार्यालय भवन स्थित डायल 112 नियंत्रण कक्ष (ईआरभी कंट्रोल) में ड्यूटी पर तैनात महिला सिपाही ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। बुधवार देर शाम नियंत्रण कक्ष के अंदर बंद कमरे में पंखे में झुलता शव मिला।
घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस पहुंची और कमरे का दरवाजा तोड़कर शव बाहर निकाला। घटना के बाद से पुलिस महकमे में हड़कंप मच हुआ है।देर शाम नगर पुलिस मृतका का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल पहुंची। मृतका गया जिला के खिजरसराय थाना के मंदेई निवासी सुमन कुमार की पत्नी अर्चना कुमारी थी।
मौत से पहले महिला ने वाटसएप ग्रुप पर शेयर की थी सुसाइड नोट
दोनों पति-पत्नी जिला बल में सिपाही के पद पर तैनात थे। मरने से पहले अर्चना ने सादे कागज पर पुलिस अधीक्षक के नाम एक सुसाइड नोट लिखकर पुलिसकर्मियों के बनाए एक वाट्सएप ग्रुप पर शेयर की थी। इसमें पुलिस केंद्र के मेजर द्वारा सरकारी क्वार्टर के लिए प्रताड़ित करने की बात कही गई है।
क्या है पूरा मामला
सुसाइड नोट के मुताबिक, साल 2018 से दंपत्ति जिला बल में कार्यरत हैं। पहले किराए का कमरा लेकर रहते थे। बीते दो माह से पुलिस केंद्र स्थित सरकारी क्वार्टर में पति और बच्चों के साथ रहने लगे।पिछले एक साल से पति- पत्नी दोनों के सरकारी वेतन से हर महीने आधा हिस्सा लोन कट रहा था। इस कारण किराए का कमरा लेकर परिवार के भरण-पोषण और बच्चों की पढाई-लिखाई का खर्च पूरा करना मुश्किल हो रहा था।सुसाइड नोट में लिखा कि पुलिस केंद्र में उसके पति के विरुद्ध सरकारी क्वार्टर का जबरन ताला तोड़कर रहने का आरोप लगा। इस कारण विभागीय स्तर पर अनुशासनहीनता के आरोप में पति सुमन को निलंबित कर दिया। दो माह से उसके पति निलंबित थे। इधर, पुलिस केंद्र में बार-बार क्वार्टर खाली करने के लिए परेशान किया जा रहा था।
सुसाइड नोट के अनुसार, वरीय पदाधिकारियों से मिलकर अपनी व्यथा सुनाई, लेकिन किसी ने उसकी समस्या पर अमल नहीं किया।सुसाइड नोट में पुलिस अधीक्षक को लिखा है कि समस्या से पीड़ित किसी पुलिसकर्मियों की शिकायत पर खुद मामले की जांच करें और न किसी के कहने पर परेशान करें ताकि जीने का रास्ता ही बंद हो जाए और अंत में खुदकशी करने की नौबत आ जाए।सुसाइड नोट के अंत में लिखा, सॉरी मेरे बच्चे, मेरी जान, मरने के बाद सब यही कहेंगे कि अपने बच्चों के बारे में नहीं सोची, लेकिन क्या करती जिंदा रहकर भी बच्चों को खुश नहीं रख पाई हूं। सॉरी मम्मी, हार गई भईया मैं सब आपलोगों से।
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