समस्तीपुर में 40-40 हेक्टेयर में होगी धनिया-मेथी की खेती, मसाले का उत्पादन बढ़ाने को उद्यान विभाग देगा अनुदान
बिहार के समस्तीपुर जिले में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए 40-40 हेक्टेयर भूमि में धनिया और मेथी की खेती की जाएगी। उद्यान विभाग ने राज्य योजना के तहत इसकी तैयारी शुरू कर दी है। बीज मसाले की खेती करने वाले सभी कोटि के किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। इच्छुक किसान 31 अक्टूबर तक विभाग की वेबसाइट पर आनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। जिले में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए 40-40 हेक्टेयर भूमि में धनिया और मेथी की खेती की जाएगी। इसको लेकर उद्यान विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। राज्य योजना के तहत विभाग इसकी खेती कराएगा। बीज मसाले की खेती करने वाले सभी कोटि के किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। किसानों द्वारा आवेदन की प्रक्रिया चल रही है। धनिया की खेती के लिए 40 हेक्टेयर से अधिक का आवेदन किया जा चुका है, जबकि मेथी के लिए अभी तक आठ हेक्टेयर का ही आवेदन हो सका है।
उद्यान विभाग किसानों को इसके लिए जागरूक कर रहा है। इच्छुक किसान कम से कम 0.25 एकड़ या अधिकतम 10 एकड़ में बीज मसाले की खेती कर योजना का लाभ ले सकते हैं। निजी, लीज पर ली गई भूमि के अलावे बटाई पर खेती करने वाले किसानों को भी इसका लाभ दिया जाएगा।इच्छुक किसानों से 31 अक्टूबर तक विभाग की वेबसाइट पर आनलाइन आवेदन मांगा गया है। खेती के लिए विभाग इस बार 78.56 प्रतिशत सामान्य श्रेणी, 20 प्रतिशत अनुसूचित जाति व 1.44 प्रतिशत अनुसूचित जन जाति श्रेणी के किसानों का चयन करेगा।
ऑनलाइन आवेदन के साथ ये कागजात जरूरी
मेथी और धनिया की खेती करने को इच्छुक किसी भी वर्ग के किसानों को उद्यान विभाग की वेबसाइट पर विभिन्न कागजात के साथ आनलाइन आवेदन करना होगा। इसमें निजी जमीन की मालगुजारी रसीद या भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र, लीज व बटाईदार भूमि के लिए एकरारनामा के कागजात, आवेदक की तस्वीर, आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक, आवासीय प्रमाण पत्र देने होंगे।
आवेदन मिलने के बाद विभाग के अधिकारी संबंधित किसानों के कागजात की जांच करेंगे। इसके बाद लाभुक किसानों का चयन किया जाएगा।
सहायक निदेश (उद्यान) प्रशांत कुमार ने बताया कि बीज मसाले की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए इस बार 40-40 हेक्टेयर भूमि में धनिया व मेथी की खेती कराई जाएगी। किसी भी वर्ग के किसानों को अनुदान दिया जाएगा। इसकी खेती से किसानों की आय तो बढ़ेगी ही वे स्वरोजगार भी कर सकते हैं। मसाले की खेती में लागत खर्च बहुत कम है। किसान इसकी खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
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