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बिहार का एक गांव, जहां हैं तीन-तीन मुखिया, जानिए मामला

बिहार का एक गांव ऐसा भी है जहां तीन-तीन मुखिया हैं, इसके बावजूद यह विकास की बाट जोह रहा है।

By Ravi RanjanEdited By: Updated: Sun, 16 Jul 2017 08:24 PM (IST)
बिहार का एक गांव, जहां हैं तीन-तीन मुखिया, जानिए मामला
समस्तीपुर [जेएनएन]। समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीन नगर प्रखंड का 'बदिया’ गांव अनोखा है। यहां के तीन-तीन मुखिया हैं। दरअसल, यह गांव तीन ग्राम पंचायतों तेतारपुर, सुल्तानपुर व कुरसाहा का हिस्सा है। इसके बावजूद यह गांव विकास की बाट जोह रहा है।

एक अदद सड़क तक नहीं। शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और अन्य सुविधाएं तो बहुत दूर की बात हैं। इसका यह हाल तीनों मुखिया की उदासीनता के कारण है। इन लोगों ने जिम्मेदारी एक-दूसरे पर थोपते हुए विकास को त्रिशंकु बना रखा है। 

प्रशासन ने पंचायतों के परिसीमन के दौरान बदिया गांव की ढाई हजार आबादी को तीन ग्राम पंचायतों में बांट दिया था। इसका खामियाजा गांव वाले वर्षों से भुगत रहे हैं। यह तीन ग्राम पंचायतों तेतारपुर, सुल्तानपुर व कुरसाहा का हिस्सा है। जब भी विकास की बात होती है तो तीनों मुखिया एक-दूसरे पर टाल देते हैं। 

पड़े बीमार तो खाट से ले जाते अस्पताल 

बदिया की दलित बस्ती को तो दशकों बाद भी एक सड़क नहीं मिल सकी है। यहां आने-जाने के नाम पर खेतों की मेड़ ही है। गंगा व वाया नदी के बीच में बसे यहां के लोगों की ङ्क्षजदगी की अजीब दास्तां है। आज भी यहां किसी की तबीयत खराब होती है तो खाट के सहारे इलाज के लिए ले जाया जाता है। नई नवेली दुल्हन भी सड़क के अभाव में पैदल ही आती-जाती है। 

इस गांव की भौगोलिक स्थिति ही ऐसी है कि प्रखंड के तेतारपुर, कुरसाहा व सुलतानपुर पंचायत में विखंडित होने के कारण यहां के लोग अपने लिए तीन मुखिया चुनते हैं। इस पंचायत के दो-दो लाल विधानसभा पहुंच चुके हैं। वे सूबे में शिक्षा व कारा सुधार के लिए जाने जाते रहे हैं। इसके बाद भी लोग एक सड़क को मुहताज हैं। 

बाकरपुर से बदिया और मरगंग पार तक मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से कार्य शुरू है। बिजली के लिए सर्वे कराया गया है। दो-तीन माह के अंदर उस गांव में भी बिजली जलेगी। 2011 और 2016 में हरैल गांव के उमापति ङ्क्षसह ने गांव की भौगोलिक स्थिति में सुधार को लेकर उच्च न्यायालय में मामला दायर किया था। इस पर डीएम के आदेश पर पंचायत समिति से इसे पारित भी किया गया। लेकिन अब तक इस गांव के लिए एक पंचायत का निर्माण नहीं हो सका।  

-राणा गंगेश्वर सिंह

विधान पार्षद, समस्तीपुर 

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गांव के विकास के लिए हम तत्पर हैं। समस्या पहले से है। हम अपनी ओर से एक डीपीआर इस गांव के विकास के लिए जिला प्रशासन को देंगे। 

-इज्या यादव 

विधायक, मोहिउद्दीनगर 

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