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Sonpur Mela 2022: सोनपुर मेला में जुटी रिकॉर्ड तोड़ भीड़, 31 दिनों में पहुंचे 50 लाख लोग; समापन आज

Sonpur Mela 2022 Last Date एक महीने से चल रहे सोनपुर मेला के समापन से एक दिन पूर्व मंगलवार को लोगों की भीड़ ने रिकार्ड बनाया। बुधवार को मेले के समापन के अवसर पर सारण के प्रभारी मंत्री सुमित कुमार सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होंगे।

By Jagran NewsEdited By: Aditi ChoudharyUpdated: Wed, 07 Dec 2022 11:23 AM (IST)
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हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेला का 31 दिनों में 50 लाख लोगों ने किया परिभ्रमण (Picture Credit: Twitter @AgamPrakashRay)

हाजीपुर, जागरण संवाददाता। हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेला का बुधवार 7 दिसबंर को समापन होगा। इस समापन के अवसर पर सारण के प्रभारी मंत्री सुमित कुमार सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री जितेंद्र कुमार राय तथा श्रम संसाधन विभाग के मंत्री सुरेंद्र राम उपस्थित रहेंगे। हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेला के 31 दिनों की अवधि के दौरान 50 लाख से अधिक लोगों ने परिभ्रमण किया।

इनमें सर्वाधिक मेला दर्शक व तीर्थ यात्रियों ने चतुर्दशी एवं कार्तिक पूर्णिमा के दिन मेला दर्शन किया। साथ ही बाबा हरिहरनाथ मंदिर सहित विभिन्न शिवालयों में जलाभिषेक किया। इसी अवधि में मेला उद्घाटन से लेकर अब तक तीस दिनों के भीतर 335 घोड़ा, 60 गाय, 147 बैल, 14 भैंस, 1884 भेड़ और बकरी, 470 कुत्ता की बिक्री हुई।मेला के पशुपालन विभाग के मुख्य शिविर से प्रतिदिन जारी होने वाले प्रतिवेदन से यह जानकारी मिलती है।

इस दौरान पशुपालन विभाग द्वारा 512 पशुओं की चिकित्सा की गई, जिनमें चिकित्सित पशुओं की संख्या 112, सोनपुर में 383 एवं एंबुलेट्री भान से 17 की चिकित्सा की गई। पशुपालन विभाग के 5 दिसंबर के प्रतिवेदन के अनुसार, फ्रीजियन क्रॉस गाय की अधिकतम कीमत 5 दिसंबर को 7000 रुपए रही। बकरी एवं भेड़ की अधिकतम 6000 और न्यूनतम 3500, कुत्ता की अधिकतम 7000 एवं न्यूनतम 4000 रही। मेला अवधि में 5 तारीख तक कुल वध किए गए बकरे की संख्या 247 थी।

मेला में मंगलवार को भी बकरियों की खूब बिक्री हुई। गाय बाजार में अभी भी कुछ गाय देखने को मिली। मेला समापन के एक दिन पूर्व मंगलवार को भीड़ ने रिकार्ड बनाया। लोगों की जुबान पर यह बात थी कि आज संडे भी फेल है। झूला हो या ट्वाय ट्रेन या ब्रेक डांस सभी पर भीड़ थी। सरकारी प्रदर्शनियों की बात करें तो लोगों ने जमकर चित्रों को घूम-घूम कर देखा और जानकारी हासिल की। मेला के पर्यटन विभाग के पंडाल में कला संस्कृति एवं युवा विभाग के कार्यक्रम का समापन सोमवार की रात्रि में होने के बावजूद दिवा कालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम में स्थानीय कलाकारों को सुनने के लिए भीड़ जुटी हुई थी। खेल-खिलौने की भी बिक्री हो रही थी।

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