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Saran News : दही चूरा खाकर घर से कोर्ट के लिए निकले थे अधिवक्ता पिता-पुत्र, बदमाशों ने गोलियों से भूना; दोनों की मौत

दही चूरा खाकर घर से कोर्ट के लिए अधिवक्ता पिता-पुत्र निकले थे। बीच रास्ते में बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस हमले के बाद दोनों की मौत हो गई। पिता पुत्र की हत्या की मनहूस खबर जैसे ही घर में पहुंची घर में कोहराम मच गया। आनन फानन में दौड़ते भागते परिवार के लोग घटनास्थल एवं वहां से अस्पताल की ओर रवाना हुए।

By rajeev kumar Edited By: Mukul Kumar Updated: Wed, 12 Jun 2024 03:58 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

जागरण संवाददाता, छपरा। छपरा विधि मंडल के अधिवक्ता राम अयोध्या प्रसाद यादव एवं उनके पुत्र सुनील कुमार यादव बुधवार की सुबह में अपने घर से दही चूरा खा करके कोर्ट के लिए बाइक से रवाना हुए थे। इसी बीच घर से मात्रा अधिक किलोमीटर की दूरी पर पहले से घात लगाए बदमाशों ने पीछे से बाइक पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।

सबसे पहले गोली अधिवक्ता राम अयोध्या यादव को पीछे से सिर में लगी। इसके बाद वे गिर गए। तब उनके पुत्र सुनील कुमार यादव को बदमाशों ने टारगेट किया और ताबड़तोड़ फायरिंग कर उनको भी मौत के घाट उतार दिया। सुनील बदमाशों को देख भागने की कोशिश किये, लेकिन बदमाशों ने उन्हे भी नहीं छोड़ा।

पिता पुत्र की हत्या की मनहूस खबर जैसे ही घर में पहुंची घर में कोहराम मच गया। आनन फानन में दौड़ते भागते परिवार के लोग घटनास्थल एवं वहां से अस्पताल की ओर रवाना हुए। अस्पताल में जब चिकित्सक ने दोनों को मृत घोषित किया तो वहां अफरा तफरी मच गई और कोहराम मच गया।

तीन भाइयों में सबसे छोटे थे सुनील कुमार यादव

छपरा विधि मंडल के अधिवक्ता राम अयोध्या प्रसाद यादव को तीन पुत्र एवं दो पुत्री है। इनमें से दो पुत्री एवं एक पुत्र की शादी उनके द्वारा की गई है। तीन पुत्रों में अजीत कुमार, सोनू कुमार एवं सुनील कुमार हैं।

इनमें से अजीत कुमार की शादी हुई है जबकि सोनू कुमार बीएचयू से स्नातक एवं ला की परीक्षा पास कर जूडिशल मजिस्ट्रेट की तैयारी करते हैं। वहीं उनके सबसे छोटे पुत्र सुनील कुमार अपने पिता के साथ ही वकालत कर रहे थे। उनकी शादी अभी नहीं हुई थी।

एक साथ पिता पुत्र की हत्या के बाद घर में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि यह घटना अचानक कैसे घटित हो गई।

भूमि विवाद के कारण तीन वर्ष पूर्व भी चली थी गोली

इस भूमि विवाद को लेकर तीन साल पूर्व 24 जून 2021 को गोली चली थी। उसमें राम अयोध्या प्रसाद यादव के भतीजा एवं रामदेव राय के पुत्र मनीष कुमार जख्मी हुए थे। मनीष कुमार ने सदर अस्पताल में बताया कि गोली उनके कंधे में लगी थी। उस वक्त पट्टीदार रविशंकर राय एवं विजय राय को आरोपित किया गया था। उस घटना के करीब तीन साल बाद फिर गोलीबारी की घटना हुई है और उसमें पिता पुत्र की मौत हुई है।

एसपी के निर्देश पर गठित एसआइटी टीम कर रही त्वरित कार्रवाई

अधिवक्ता पिता पुत्र की हत्या की घटना को लेकर एसपी डा. कुमार आशीष के निर्देश पर एसआइटी का गठन किया गया है। यह एसआइटी सदर एसडीपीओ के नेतृत्व में गठित किया गया है। टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस कांड के आरोपित मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मेथवलिया गांव निवासी काली राय एवं इसी गांव के जगदीप राय को गिरफ्तार कर लिया है।

इस संबंध में एसपी ने बताया कि अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है उन्होंने बताया कि यह पूरा मामला पट्टीदारों से भूमि विवाद को लेकर घटित हुआ है। हालांकि पुलिस सभी बिंदुओं पर जांच पड़ताल कर रही है।

हत्याकांड के विरोध में अधिवक्ताओं ने सड़क पर किया विरोध प्रदर्शन

अधिवक्ता पिता पुत्र की हत्या की घटना के विरोध में छपरा विधि मंडल के अधिवक्ताओं ने थाना चौक के पास सड़क पर विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि कुछ ही देर में एएसपी द्वारा समझाने बुझाने के बाद अधिवक्ताओं ने अपना प्रदर्शन समाप्त कर दिया।

पुलिस ने आश्वासन दिया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए त्वरित कार्रवाई की जा रही है। इसके कुछ देर बाद दो आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया। इसके बाद अधिवक्ताओं ने अपना प्रदर्शन समाप्त कर दिया।

सदर अस्पताल में था अफरा तफरी का माहौल

छपरा सदर अस्पताल में जब अधिवक्ता पिता पुत्र की मौत की जानकारी चिकित्सक द्वारा दी गई तो वहां अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया। काफी संख्या में लोग वहां एकत्रित हो गए। वहां लोगों की भीड़ देखते हुए काफी संख्या में पुलिस बल को भी तैनात किया गया।

इसी बीच काफी संख्या में वहां अधिवक्ता भी पहुंच गए और तरह-तरह की मांग करने लगे। सभी अधिवक्ता सुरक्षा एवं विधि व्यवस्था को लेकर मांग कर रहे थे। मृत पिता पुत्र के काफी संख्या में घर वाले एवं रिश्तेदार भी अस्पताल में पहुंचे हुए थे और चारों तरफ कोहराम मचा हुआ था।

परिवार वालों को विलाप करते देख सभी की आंखें नम हो जा रही थी। मृत अधिवक्ता राम अयोध्या प्रसाद यादव की पत्नी एवं उनकी बेटी बार-बार बेहोश हो जा रही थी।

पत्नी को कुछ समझ नहीं आ रहा था। उन्होंने अपना पति और बेटा खोया था। ऐसे में वे पूरी तरह से आपा को चुकी थी। परिवार के अन्य लोग उन्हें सांत्वना देने में लगे हुए थे। चिकित्सक द्वारा उनका इलाज भी किया गया।

घटना की जानकारी लेने अस्पताल पहुंचे एसपी

अधिवक्ता पिता पुत्र की हत्या की घटना के बाद उसकी जानकारी लेने के लिए एसपी डाक्टर कुमार आशीष सदर अस्पताल पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी लिए। उन्होंने मौजूद पुलिस अधिकारियों को शव का पोस्टमार्टम करवाने का निर्देश दिया। इसके बाद पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू की गई।

घटना स्थल पर पहुंची पुलिस लोगों से की पूछताछ

पिता पुत्र की हत्या घटना के बाद सदर एसडीपीओ राज किशोर सिंह के नेतृत्व में पुलिस मौके पर पहुंची और घटना की पूरी जानकारी ली । घटना स्थल के आसपास के लोगों से पूछताछ की गई। इसके साथ ही आसपास में लगे सीसीटीवी फुटेज को भी पुलिस ने खंगाला।

कुछ सीसीटीवी फुटेज से पुलिस को हत्या की जानकारी भी मिली है। फारेंसिक लैब की टीम भी जांच पड़ताल के लिए घटना स्थल पर पहुंची और खून एवं मिट्टी के नमूने की जांच की।

घटना का कारण

परिवार के सदस्य एवं स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के मुताबिक अधिवक्ता राम अयोध्या प्रसाद यादव का चार बीघा जमीन को लेकर भूमि विवाद अपने पट्टीदारों के साथ चल रहा था। यह मामला कोर्ट में चल रहा था। इसमें कुछ दिन पूर्व अधिवक्ता के पक्ष में कोर्ट से निर्णय आ गया था।

कोर्ट से अपने पक्ष में निर्णय आने के बाद उनके द्वारा उस जमीन पर दखल कब्जा करने की कोशिश की जा रही थी। इसी बात को लेकर पट्टीदारों के साथ विवाद बढ़ता गया और मामला हत्या की घटना तक पहुंच गया।

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