छपरा में चुनावी हिंसा: फिर सुर्खियों में आया सारण संसदीय क्षेत्र, लोगों को याद आए पुराने दिन
लालू प्रसाद यादव ने अपनी पुत्री डॉ. रोहिणी आचार्य को जिताने के लिए छपरा में ही कैंप किया हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं उत्तर प्रदेश मुख्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत भाजपा के वरीय नेताओं के चुनाव चुनावी दौरे के बाद सारण संसदीय क्षेत्र हाई प्रोफाइल हो गया था। वहीं चुनावी हिंसा के बाद एक बार फिर पुरानी यादें ताजा हो गई हैं।
अमृतेश, छपरा। Chhapra Violence छपरा में मतदान के बाद भाजपा एवं राजद समर्थकों के बीच हुई चुनावी हिंसा ने पुराने दिनों के यादों को फिर से एक बार ताजा कर दिया। एक दशक पहले तक बिहार में चुनावी हिंसा और बूथ लूट की चर्चा पूरे देश में होती थी, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से चुनाव आयोग और प्रशासन के प्रयास के बाद बिहार में चुनावी हिंसा पूरी तरह से रुक गई थी।
वैसे सारण संसदीय क्षेत्र की भी चर्चा हर बार पूरे देश में होती है। इस बार के चुनाव में भी सारण की चर्चा थी, क्योंकि यहां से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की पुत्री रोहिणी आचार्य और भाजपा के निवर्तमान सांसद सह पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी चुनावी मैदान में हैं।
लालू ने कर रखा था कैंप
लालू प्रसाद यादव ने अपनी पुत्री डॉ. रोहिणी आचार्य को जिताने के लिए छपरा में ही कैंप किया हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं उत्तर प्रदेश मुख्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत भाजपा के वरीय नेताओं के चुनाव चुनावी दौरे के बाद सारण संसदीय क्षेत्र हाई प्रोफाइल हो गया था।वहीं, राजद की ओर से लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कमान संभाले हुए थे। इनके अलावा राजद के तमाम वरीय नेता गांव-गांव में चुनाव प्रचार में जुटे हुए थे। 20 मई को चुनाव समाप्त होने के बाद प्रशासन ने भी राहत की सांस ले ली थी, लेकिन 21 मई की सुबह प्रशासन के लिए दुखद समाचार लेकर आयी।
20 मई को मतदान केंद्र पर राजद प्रत्याशी डॉ. रोहिणी आचार्य के साथ विवाद का मामला बढ़ने के साथ ही हत्या में तब्दील हो गया। सारण में चुनावी हिंसा के कारण सभी मतदान केंद्रों पर इसके पहले चुनाव रद्द करना पड़ा था।
2004 में रूडी ने की बूथ लूट की शिकायत, फिर...
वर्ष 2004 में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ चुनाव लड़ रहे भाजपा के निवर्तमान सांसद राजीव प्रताप रूडी ने चुनाव आयोग में बूथ लूट की शिकायत की थी। जिसके बाद सभी मतदान केंद्रों पर दोबारा चुनाव कराया गया था। इसकी जांच करने के लिए चुनाव आयुक्त केजे राव खुद छपरा गए थे।
इसके बाद से सारण जिले में लोकसभा एवं विधानसभा के चुनाव में बूथ लूट एवं मतदान के बाद हिंसा पर पूरी तरह से रुक गई थी, लेकिन छपरा में मतदान के बाद हत्या ने फिर एक बार देशभर में सारण संसदीय क्षेत्र को सुर्खियों में ला दिया है।सारण संसदीय क्षेत्र में जुबानी जंग ने हिंसा का रूप ले लिया। पिछले चार चरण के चुनाव में बिहार में कहीं से भी हिंसा की कोई खबर नहीं आयी। कुछ दशक पहले तक बिहार में चुनाव और हिंसा का संबंध चोली-दामन का था। बिना हिंसा के यहां चुनाव संपन्न ही नहीं होते थे। इसमें सारण जिला भी शामिल रहता था, लेकिन चुनाव आयुक्त टीएन शेषन एवं केजे राव ने सारण समेत पूरे बिहार चुनावी हिंसा और बूथ लूट को पूरी तरह से रोक के तस्वीर ही बदल दी थी।
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