बिहार में Dengue और Viral Fever का प्रकोप; अस्पतालों में मरीजों की लंबी-लंबी लाइन, दवा कारोबार में उछाल दर्ज
बिहार के कई जिलों में डेंगू और वायरल बुखार का प्रकोप देखने को मिल रहा है। सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी चिकित्सालयों में भी मरीजों की भीड़ देखने को मिल रही है। दिघवारा सीएचसी में पांच दिनों में 35 डेंगू मरीजों की पहचान हुई है। डेंगू और वायरल बुखार के बढ़ते प्रकोप के बाद दवा कारोबार में काफी उछाल दर्ज किया गया है।
दवा कारोबार में उछाल दर्ज
खूब बिक रहे प्लेटलेट्स बढ़ाने के इंजेक्शन व टैबलेट
अपनाए जा रहे देशी नुस्खे
नगर सहित गांव ग्रामीण क्षेत्र में वायरल बुखार व डेंगू के बढ़ते मरीजों के चलते उनके स्वजन देसी नुस्खे भी खूब आजमा रहे हैं। ऐसे ही नुस्खों में खासकर डेंगू के बुखार में पपीते के पत्ते का रस, नारियल पानी व बकरी के दूध के इस्तेमाल का इन दिनों खूब शोर मचा हुआ है। इस वजह से बकरी के दूध की मांग भी बढ़ गई है।बकरी के दूध में औषधीय गुण
नगर पंचायत दिघवारा के आयुर्वेदाचार्य नीरज कुमार के अनुसार, बकरी के दूध में वसा की मात्रा कम होती है, कैल्सियम और फास्फोरस अधिक मात्रा में पाया जाता है। फैट कम होने से यह डेंगू के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है। क्योंकि डेंगू का मरीज जितनी मात्रा में तरल पदार्थ लेगा, उतनी जल्द ही स्वस्थ होगा।उन्होंने बताया कि बकरी के दूध में विटामिन ए और बी की बहुतायत होती है। बकरी का दूध हड्डियों को मजबूती प्रदान करने के साथ स्वास्थ्य को भी दुरुस्त रखता है। इसमें औषधीय गुण भी होते हैं। इसमें लिनोलिक एसिड मस्तिष्क के विकास को बढ़ावा देता है।विशेषज्ञ की सलाह
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