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Bihar: JP विश्वविद्यालय के संबद्ध कॉलेजों को भारी पड़ेगा 1.5 करोड़ का अनुदान! विभाग इन बिंदुओं पर करा रहा जांच

बिहार के जयप्रकाश विश्वविद्यालय से संबद्ध छपरा सिवान और गोपालगंज के महाविद्यालयों के ने डेढ़ करोड़ से अधिक के अनुदान राशि का दावा किया था। अब शिक्षा विभाग उसके इस दावे पर विभाग छात्रों और शिक्षक की संख्या व महाविद्यालय परिसर की आधारभूत संरचना की जांच करेगा। इस संबंध में उच्च शिक्षा निदेशालय ने जेपी विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र भेजा है।

By Amritesh KumarEdited By: Mohit TripathiUpdated: Tue, 08 Aug 2023 11:30 PM (IST)
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डेढ़ करोड़ से ज्यादा अनुदान मांगने वाले कॉलेजों की होगी जांच

जागरण संवाददाता, छपरा: जयप्रकाश विश्वविद्यालय से संबद्ध छपरा, सिवान और गोपालगंज के महाविद्यालयों के ने डेढ़ करोड़ से अधिक के अनुदान राशि का दावा किया था। अब शिक्षा विभाग उसके इस दावे पर विभाग छात्रों और शिक्षक की संख्या व महाविद्यालय परिसर की आधारभूत संरचना की जांच करेगा। इस संबंध में उच्च शिक्षा निदेशालय ने जेपी विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र भेजा है।

जेपी विश्वविद्यालय प्रशासन को जारी पत्र में कहा गया है कि जिन कॉलेज ने अनुदान के रूप में अधिकतम राशि की मांग की है, उनकी जांच की जाएगी। इससे पहले शिक्षा विभाग ने एक अन्य पत्र राज्यभर के विश्वविद्यालयों के लिए जारी किया कि महाविद्यालय को अनुदान के रूप में अधिकतम डेढ़ करोड़ तक का ही भुगतान किया जाएगा।

भारी पड़ सकता है दावा

उल्लेखनीय हो कि संबद्ध महाविद्यालयों को रिजल्ट के आधार पर अनुदान के रूप में दिया जाता है। इसमें प्रथम श्रेणी, द्वितीय श्रेणी एवं तृतीय श्रेणी से पास छात्रों के आधार पर राशि दी जाती है। अब नए नियम से राज्य सरकार से डेढ़ करोड़ से ज्यादा की राशि का दावा करना संबद्ध महाविद्यालयों को भारी पड़ सकता है।

शिक्षा विभाग ने गठित की टीम

राज्य सरकार ऐसे कॉलेज की जांच कराएगी।  इसके लिए शिक्षा विभाग ने जांच टीम का गठन कर दिया है। टीम में शिक्षा विभाग के एक अधिकारी और संबंधित विश्वविद्यालय के कॉलेज इंस्पेक्टर शामिल किए गए हैं, हालांकि संबंधित जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी कमेटी में रखा जा सकता है।

10 संबद्ध महाविद्यालयों ने किया डेढ़ करोड़ का दावा

जयप्रकाश विश्वविद्यालय के 10 संबद्ध महाविद्यालयों के द्वारा दो अलग-अलग सत्र में डेढ़ करोड़ से अधिक के अनुदान का दावा किया गया था। शुरुआती चरण में जेपी विश्वविद्यालय के दो कॉलेज एसएमडी कॉले ज जलालपुर, गोपालगंज एवं देवराहा बाबा श्रीधर दास डिग्री कॉलेज रामपुरकदना, गड़खा, सारण की जांच होगी। इसके तहत विश्वविद्यालय के दो कॉलेज की जांच की जाएगी।

14 बिंदुओं पर शिक्षा विभाग को टीम सौंपेगी जांच रिपोर्ट

शिक्षा विभाग ने जांच के लिए निर्देश के साथ फार्मेट भी जारी किया है, जिसमें टीम को 14 बिंदुओं की जानकारी अपनी रिपोर्ट में देनी है। इसमें कॉलेज के नाम, विश्वविद्यालय के नाम, जांच की तिथि, जांच की तिथि पर कॉलेज में उपस्थित छात्र-छात्राओं की संख्या, उपस्थित शिक्षकों व कर्मचारियों की संख्या, कुल कार्यरत शिक्षक, कर्मचारियों की संख्या, कॉलेज के खाता संख्या व खाताधारक का नाम, बैंक का नाम व पता, जमा राशि, वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक उपलब्ध राशि, स्त्रोत, कॉलेज को सरकार से रिजल्ट के आधार पर प्राप्त अनुदान, वेतन पर व्यय, बची हुई राशि, कॉलेज को आंतरिक स्त्रोत से प्राप्त राशि, इसके व्यय की रिपोर्ट देनी होगी।

इस संबंध में जेपी विश्वविद्यालय के जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. हरिश्चंद्र ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा शिक्षा विभाग के निर्देश का पालन किया जाएगा। इसकी जानकारी संबद्ध महाविद्यालयों को दी जाएगी।

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