छपरा से हाजीपुर के बीच वर्ष 2009 में उत्तर बिहार के कई जिलों के लिए राजधानी से जोड़ने को एक लाइफ लाइन की तरह एनएच 19 पर करीब 66 किलोमीटर फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य के लिए 575 करोड़ में टेंडर हुआ था। उसे तब के देश के बड़े कंपनियों में शुमार मधुकान कंपनी को 28 जुलाई 2010 को एनएचएआई द्वारा इस परियोजना का एग्रीमेंट मिला।
राजीव रंजन, छपरा। सिताबदियारा में रिंग बांध के निर्माण व छपरा-हाजीपुर फोरलेन के निर्माण को लेकर पिछले चुनाव में ही काफी जोरशोर से मुद्दा उठा था। पिछले चुनाव के पांच साल बीत जाने के बाद भी फोरलेन बनकर तैयार नहीं हुआ है। वर्ष 2009 से ही लोग इसका इंतजार कर रहे हैं। वहीं बिहार के हिस्से में रिंग बांध का निर्माण पूरा हो गया है, लेकिन यूपी के हिस्से का काम अभी भी लटका हुआ है।
बलिया के अठगांवा गांव के पास करीब दो सौ मीटर में काम रका है, बाकि सब बनकर तैयार है। स्थानीय जमीन दाता के कोर्ट में जाने के कारण काम ठप है। उनका कहना है कि जब हमने जमीन बांध के लिये दी है तो बांध से मेरा घर भी कवर होना चाहिए। बांध का निर्माण मेरे घर के आगे से हो।
बांछ के निर्माण में लगेंगे 125 करोड़ रुपये
इस बांध का निर्माण 125 करोड़ की लागत से हो रहा है। करीब आठ किमी की लंबाई के निर्माण कार्य में दौ सौ मीटर में काम प्रभावित है।
66 किमी सड़क निर्माण में 15 साल पड़ गए कम
छपरा से हाजीपुर के बीच वर्ष 2009 में उत्तर बिहार के कई जिलों के लिए राजधानी से जोड़ने को एक लाइफ लाइन की तरह एनएच 19 पर करीब 66 किलोमीटर फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य के लिए 575 करोड़ में टेंडर हुआ था। उसे तब के देश के बड़े कंपनियों में शुमार मधुकान कंपनी को 28 जुलाई 2010 को एनएचएआई द्वारा इस परियोजना का एग्रीमेंट मिला।
उसके बाद 27 जनवरी 2011 को इस कंपनी ने निर्माण के काम को शुरू किया। उसे यह काम तीन वर्ष यानी जुलाई 2013 तक पूरा कर देना था। मगर काम के तरीके से लगातार अधिकारियों से लेकर सारण के लोगों तक परेशान थे। काम समय पर कौन कहे, अगले 14 साल में भी नहीं हुआ। हालांकि इसमें कुछ जगह प्रशासनिक स्तर से जमीन हस्तगत करने को लेकर भी मामला लंबित रहा।
बाद में पिछले वर्ष कंपनी भी बदल दी गई है। अभी काम जिस तेजी से चलनी चाहिए, नहीं चल रही है। इसका काफी समय से खामियाजा सारण के लोग भुगत रहे हैं। सड़क किनारे के गांव के लोगों का जीवन धूल भरा हो गया है।
छपरा से डोरीगंज- आमी - दिघवारा जाना बहुत ही मुश्किल हो गया है। आलम यह है कि छपरा से पटना की दूरी करीब 65 किमी है पर जाम के कारण चार से छह घंटे तक समय लग जाता है। इस दौरान बिशुनपुरा व टेकनिवास में जो आरओबी का निर्माण किया गया था, वह भी क्षतिग्रस्त हो गया।एनएचआइ के अधिकारी इसके लिए ओवरलोड वाहनों के परिचालन को दोषी मानते हैं। दैनिक जागरण द्वारा सड़क निर्माण में हो रही देरी व कार्य में की गई लापरवाही को लगातार उजागर किया गया है। निर्माण कंपनी व एनएचआइ के अधिकारी दिसंबर तक काम पूरा होने की बात कह रहे हैं, अब देखना है कि काम कब तक पूरा होता है।
इसके पहले ही केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी अपने छपरा दौरा के दौरान कहे थे कि इस सड़क के लिए हम विशेष पैकेज दे रहे हैं। इसके बाद इसका उद्घाटन करने जल्द ही हम आएंगे। उनके कहने के बाद 2019 का चुनाव बीत गया। अब 2024 का चुनाव आ गया है।
सिताबदियारा के रिंग बांध का निर्माण कार्य लगभग पूरा कर लिया है। बलिया के अठगांवा गांव के पास एक जमीन दाता ने कोर्ट में केस कर दिया है। उनका कहना है कि जब हमने जमीन दी है तो बांध से मेरा घर भी कवर किया जाये। यह मुश्किल काम है, क्योंकि एलाइनमेंट का काम पहले पूरा हो चुका है। नक्शा भी बना हुआ है। उसी के अनुरूप कार्य हो रहा है। जमीन दाता के काेर्ट में जाने से करीब दो सौ मीटर में काम रुका हुआ है। - संजय मिश्रा अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग, बाढ़ खंड, बलिया यूपी
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