Cyber Crime: लकी ड्रॉ से लेकर धमकी भरे कॉल तक..., साइबर अपराधी हर रोज बदल रहे ठगी के पैंतरे; लगा रहे लाखों की चपत
हाल के कुछ सालों में लोगों के साथ हुई साइबर ठगी की घटनाएं दर्शाती हैं कि ठगी करने वाले साइबर जालसाज अपने आसपास लोगों के रहन-सहन में आने वाले बदलाव से पूरी तरह से वाकिफ होते हैं। यही कारण है कि फोन कॉल करके लोगों को ठगी का निशाना बनाने के लिए वे अलग-अलग कहानी रचकर अपने जाल में फांसते है।
जागरण संवाददाता, छपरा। लोगों से की गई साइबर ठगी की शिकायतें दर्शाती हैं कि ठगी करने वाले जालसाज लोगों के रहन-सहन में आने वाले बदलाव से पूर्ण रूप से वाकिफ होते हैं। यही कारण है कि आर्थिक ठगी के फोन करने वाले वे अलग-अलग कहानी रचकर लोगाें को अपने जाल में फांसते हैं।
वे कई लोगों से लकी ड्रॉ का विजेता बता कर बैंक खाता एवं आधार नंबर के साथ ही एटीएम की गोपनीय जानकारी लेते हैं।पूर्व में खुद को बैंक वरीय अधिकारी बता कर एटीएम बंद होने की जानकारी देते हैं, फिर एटीएम का पिन नंबर और 16 अंकों का नंबर मांगने के साथ ही ओटीपी मांग कर खाते से लाखों रुपये उड़ा लेते थे।
धीरे-धीरे इसके बारे में लोगों को जानकारी हुई और बैंक प्रबंधन ने भी ये जानकारी शेयर नहीं करने का प्रचार किया, तो जालसाज बिजली बिल के नाम पर ऑनलाइन रुपये ट्रासंफर करवा कर ठगी करने लगे।इसके बाद एंड्रॉयड मोबाइल उपयोग करने वालों से एनी डेस्क एप डाउनलोड करवा कर बैंक खाते से रुपये की निकासी करने लगे।
साइबर ठगी का नया तरीका
हाल के महीनों में जालसाजों द्वारा खुद को पुलिस का वरीय अधिकारी बताकर लोगों को फोन किया जाने लगा है। जिसमें बताया जा रहा कि मैं अमूक थाने से सब इंस्पेक्टर बोल रहा हूंं। आपके पुत्र पुत्री या कोई अन्य स्वजन दुष्कर्म व हत्या जैसे मामले में हिरासत में लिए गए हैं।जलसाज आगे कहते हैं देखने से वे निर्दोष लग रहे हैं, इसलिए मैंने आपको फोन किया है। बचाना चाहते हैं तो इस फोन नंबर पर संचालित पे फोन में बताए रुपये जमा कराएं। मानसिक दबाव बनाने के लिए वे लोग किसी के चीखने चिल्लाने की आवाज सुना कर थाना में पिटाई किए जाने की बात कहते हैं।
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