दुनिया को ज्ञान देने वाले बिहार के सदन में शराब पर चर्चा होती है, शिक्षा की दुर्दशा पर नहीं: याज्ञवल्क्य शुक्ल
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के खुले अधिवेशन में शनिवार को राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा है कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि विधानसभा में इस पर नहीं बल्कि शराब पर चर्चा होती है।
By Amritesh KumarEdited By: Yogesh SahuUpdated: Sun, 08 Jan 2023 10:09 AM (IST)
जागरण संवाददाता, छपरा। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा है कि दुनिया को ज्ञान देने वाले बिहार के सदन में सरकार शराब पर चर्चा करती है पर शिक्षा व्यवस्था में कैसे सुधार आए इसपर कोई चर्चा नहीं करती। बिहार की शिक्षा के विकास के लिए हम सब को साथ आना होगा। छपरा के कचहरी स्टेशन परिसर में अभाविप के खुले अधिवेशन में शनिवार को राष्ट्रीय महामंत्री छात्रों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि बिहार में वर्तमान में उद्योग नहीं है जो पूर्व के समय में काफी समृद्ध था। बिहार की व्यवस्था लाचार है, कुर्सी का भूखा सरदार है। बिहार में अपहरण उद्योग संचालित हो रहा है। एक साल में हजारों मामले सामने आए है। सारण के बगल के जिले में अपराध का तांडव चलता था। उसे भी परिषद के कार्यकर्ताओं ने समाप्त कराया था। इस प्रदेश का सिस्टम लाचार हो गया है।2012 से 2022 तक बीपीएससी पेपर लिक का उद्योग भी बिहार में चल रहा है। सत्ता के लोलुपो ने बिहार के छात्रों का भविष्य गर्त में पहुंचा दिया है। उन्होंने कहा कि जो पांच लाख पद पहले से रिक्त है उसे कब भड़ेगे, ये बताने कि जगह 10 लाख नौकरी देने का झांसा सोने की चम्मच लेकर पैदा हुए युवराज बिहार के युवाओं को दे रहें है। बिहार से पलायन रोकने के लिए सरकार की क्या योजना है, इसे बताना होगा। देश में हर तीसरा बेरोजगार बिहारी छात्र होता है। तीन साल की डिग्री पांच साल में मिल रही है।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य आलोक कुमार ने कहा कि सत्ता में बैठे लोग उच्च शिक्षा को गर्त में मिलाने में जुटे है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य समृद्धि सिंह राठौड़ ने कहा कि हम आजादी के 75 वर्ष पूर्ण करके अमृत वर्ष मना रहें पर क्या महिलाओं को आजादी मिली है। महिलाओं को नेतृत्व का मौका नहीं मिल पा रहा है। छपरा के नगर मंत्री रवि शंकर चौबे ने अपने संबोधन में कहा कि छपरा की यह भूमि त्याग के साथ-साथ क्रांति की भी भूमि है।
बिहार की बदहाल शिक्षा व्यवस्था के खिलाफ क्रांति का विगुल इस धरती से फूंक दिया गया है। इसके पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल, बिहार की प्रदेश अध्यक्ष डा. ममता कुमारी, प्रदेश मंत्री अभिषेक यादव, प्रदेश सह मंत्री मनीष पासवान संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर खुला अधिवेशन का उद्घाटन किये। धन्यवाद ज्ञापन निशा सिंह ने की। अधिवेशन में पांच प्रस्ताव भी पास किए गए।
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